सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों के निराकरण में पिछड़ा उज्जैन…

सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों के निराकरण में पिछड़ा उज्जैन…
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प्रदेश में छठवें से 22 वें स्थान पर पहुंचा, संतुष्टि के साथ बंद शिकायतों का वेटेज 44 प्रतिशत
उज्जैन।नगर निगम के विभागों से जुड़ी आम आदमी की समस्याओं और शिकायतों के निराकरण के लिए सरकार की सीएम हेल्पलाइन सेवा बड़ा मंच है, लेकिन सीएम हेल्पलाइन पर दर्ज प्रकरण निपटाने में उज्जैन पिछड़ गया है।
पिछले महीने उज्जैन प्रदेश में छठे नंबर पर था, लेकिन दिसंबर में वह और नीचे खिसककर 22वें नंबर पर आ गया है। प्रशासन द्वारा की गई समीक्षा में सामने आया है कि बीते 50 दिन से अधिक समय से लंबित 188 शिकायतें हैं। इसमें से अधिकांश शिकायतें स्वास्थ्य और पीएचई विभाग से जुड़ी हैं।
निगम स्वास्थ्य व पीएचई विभाग फिसड्डी साबित
सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों का संतुष्टि पूर्ण निराकरण करने में निगम स्वास्थ्य और पीएचई विभाग के अधिकारी फिसड्डी साबित हुए हैं।
आलम यह है कि इन दोनों ही विभागों की शिकायतें कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं। यहीं कारण है कि वे इस बार उज्जैन सीएम हेल्पलाइन शिकायतों के निराकरण के मामले में ए-ग्रेड से बी-ग्रेड पर आ गया हैं। बता दें कि प्रदेश सरकार द्वारा सीएम हेल्पलाइन के प्रकरणों का निराकरण में 100 नंबर का पैमाना तय किया गया था।
पैमाने के आधार पर सीएम हेल्पलाइन के संतुष्टिपूर्ण निराकरण के मामले में उज्जैन इस बार प्रदेश में 22वें स्थान पर है। उज्जैन की ये दिसंबर माह की ग्रेडिंग है। दिसंबर माह में नगर निगम को कुल 7599 शिकायतें प्राप्त हुई थी।
इसमें से 44 प्रतिशत वेटेज के साथ शिकायतों का संतुष्टि पूर्ण निराकरण किया गया। सभी पहलुओं को मिलाकर जिले का ओवर ऑल वेटेज स्कोर 75 प्रतिशत रहा। इस प्रकार सीएम हेल्पलाइन शिकायतों के निराकरण में उज्जैन ने प्रदेश की 26 नगर निगमों में 22वें स्थान के साथ बी ग्रेड हासिल किया है।