उज्जैन:राहत की खबर…ब्लैक फंगस के इलाज में उपयोग आने वाला एम्फोटेरेसिन-बी इंजेक्शन बंटना शुरू

By AV NEWS

मरीजों के ऑपरेशन में मिल रही मदद, रेमडेसिविर की तर्ज पर बंट रहे पंजीकृत मरीजों को

सूची आ रही आर डी गार्डी मेडिकल कॉलेज और प्रायवेट हॉस्पिटल से…

उज्जैन। ब्लैक फंगस का सही उपचार कल से शुरू हो गया है। जिला प्रशासन द्वारा गठित कमेटी द्वारा 50 मिग्रा के इंजेक्शन एम्फोटेरेसिन-बी मंगवाना शुरू कर दिया गया है। कल 37 इंजेक्शन आए, जिन्हे रेमडेसिविर इंजेक्शन की तर्ज पर हॉस्पिटल्स द्वारा दी गई सूची अनुसार बांटा गया। आज भी इंजेक्शन आएंगे और बांटे जाएंगे।

वरिष्ठ नैत्र रोग सर्जन डॉ.सुधाकर वैद्य के अनुसार ब्लैक फंगस के उपचार में 40 प्रतिशत काम सर्जरी का होता है और 60 प्रतिशत काम एम्फोटेरेसिन-बी,50 मिग्रा इंजेक्शन का होता है। एक मरीज को कुल 60 इंजेक्शन लगते हैं,जोकि रोजाना के तय कोर्स अनुसार होते हैं। यही दवाई फंगस को ब्रेन तक जाने से रोकती है और जबड़े,सायनेसाइस आदि को गलने से बचाती है। चूंकि अभी तक उक्त इंजेक्शन नहीं आए थे,अत: एंडोस्कोप से सर्जरी के माध्यम से 25 नए मरीजों के फंगस के टिश्यू निकाले गए। इंजेक्शन के अभाव में गहराई तक जमा फंगस समाप्त नहीं कर सके थे। अब काम आसान हो जाएगा।

अब रोज बटेंगे इंजेक्शन…
इस संबंध में चर्चा करने पर ड्रग इंस्पेक्टर धर्मसिंह कुशवाह ने कहाकि कलेक्टर द्वारा गठित कमेटी उक्त इंजेक्शन का इंतजाम कर रही है। कल पहली बार 37 इंजेक्शन आए,जिन्हे मरीजों में बांटा गया। रेमडेसिविर इंजेक्शन की तर्ज पर क्रिटिकल मरीजों की मेडिकल कॉलेज,हास्पिटल्स से प्राप्त अधिकृत सूची मिलने पर संबंधितों को इंजेक्शन उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। यह सिलसिला जारी रहेगा। जल्द ही इस दवाई की कमी को दूर कर लिया जाएगा।

अस्पताल में रोज एक मरीज पहुंच रहा
डॉ.वैद्य ने बताया कि मेडिकल कॉलेज में रोजाना कम से कम एक मरीज तो आ रही रहा है। आज सुबह 10 बजे एक ओर मरीज भर्ती हुआ। यहां पर आज सुबह तक 35 मरीज ब्लेक फंगस से ग्रस्त होकर भर्ती थे। इनमें से तीन की आंखें निकाल दी गई है,अब वे देख नहीं सकेंगे। वहीं शेष 33 मरीजों में से दो मरीजों को कल एम्फोटेरेसिन-बी,50 मिग्रा के इंजेक्शन मिल गए। शेष 31 मरीजों के लिए हमने क्रिटिकल आधार पर सूची भेजी है। इनमें से आज कुछ को इंजेक्शन मिलेंगे। ज्ञात रहे शहर के प्रायवेट हॉस्पिटल्स में भी ब्लेक फंगस के मरीजों का उपचार चल रहा है। हालांकि मेडिकल कॉलेज का दावा है कि वे सबसे सस्ता उपचार/सर्जरी कर रहे हैं।

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