धरती पर अब हम ऐसा सेतु बनाएं कि मानवीयता हो सके पार…

आप जब यह पढ़ रहे होंगे, तब तक अयोध्या के श्री राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो चुकी होगी और संध्या के समय पूरे देश को दीपकों की रोशनी से जगमग करने की तैयारी चल रही होगी। आतिशबाजी के लिए लोग और युवा उत्साहित होंगे। केसरिया ध्वज और पताकाओं से अपने घरों, प्रतिष्ठानों और क्षेत्रों को सजाने के लिए लोगों में जो उत्साह दिखाई दिया, वह शब्दों में व्यक्त करना संभव नहीं, किंतु सभी अनुभव कर रहे हैं। चाहे वह किसी भी राजनीतिक दल से जुड़ा व्यक्ति क्यों न हो।
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सकारात्मकता की इस आंधी में नकारात्मकता उड़_सी गई है। सूर्योदय से पहले आसमान में पहले लालिमा दिखाई देती है, यह संकेत होता है सूर्य के आने का। अंधकार स्वयं भाग जाता है और प्रकाश बढ़ता जाता है। उसी तरह जब कोई दिव्य शक्ति का आगमन होता है तो पहले संकेत दिखाई देने लगते हैं। यह प्रमाण है इस बात का कि अयोध्या में श्री राम मूर्ति के रूप में आ चुके हैं। इससे संकेत मिल रहा है कि पूरा देश दीपावली से अधिक आतिशबाजी कर इस शुभ अवसर पर प्रसन्नता की हुंकार भरेगा।
यही प्रसन्नता जीवन में आवश्यक है। जब किसी एक बिंदु पर सभी लोगों की सोच केंद्रित होती है तो वह परिणाम ला सकती है। एकजुटता में ही किसी बड़े युद्ध को जीतने की क्षमता है। लंका पर श्रीराम की वानर सेना ने एकजुटता और सकारात्मक सोच से ही जीत हासिल की थी। एकजुटता हो, विश्वास हो और जज्बा हो तो कोई भी बड़ा युद्ध जीता जा सकता है। यही रामराज्य का पहला सूत्र है। जीवन संघर्ष में कोई भी लड़ाई जीतना असंभव नहीं, बल्कि ताकतवर योद्धा को भी पराजित किया जा सकता है। समंदर पर पुल भी बनाया जा सकता है। आज के दौर में लंका की तरह भ्रष्टाचार का साम्राज्य बढ़ता जा रहा है। इस पर विजय पाना असम्भव जैसा दिखाई दे रहा है, लेकिन समंदर पार कर लंका के अहंकार को ध्वस्त किया जा सकता है तो भ्रष्टाचार का कद इतना बड़ा नहीं कि उसे परास्त न किया जा सके। जिस दिन पूरा देश इसके विरुद्ध लड़ाई छेड़ देगा, उस दिन से जीत की राह खुल जाएगी।
यह संकेत भी लोगों का उत्साह दे रहा है। पहले रावण को मारना चुनौती थी और आज भ्रष्टाचार को खत्म करना बड़ी चुनौती बनता जा रहा। यद्यपि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके विरुद्ध लड़ाई शुरू कर दी है और एक दिन ऐसा भी आएगा जब भ्रष्टाचार की लंका एक इतिहास बनकर रह जाएगी। इसके लिए भी पूरे देश को एकजुट होकर जज्बे के साथ काम करना होगा। जिनके पास अधिकार हैं, वे यह संकल्प लें कि कोई फाइल इसलिए नहीं रोकी जाएगी, कि उससे कुछ प्राप्त करना है।
श्रीराम धर्म की स्थापना के लिए राज्य छोड़कर जंगल जा सकते हैं तो भ्रष्टाचार का धन छोडऩा कोई कठिन काम नहीं, फिर क्यों हम इसके सामने परास्त हो जाते हैं? इस प्रश्न का उत्तर भी उत्साह के इस वातावरण में खोजा जा सकता है। क्या हम सभी मिलकर धरती पर ऐसा समन्वय सेतु नहीं बना सकते जिस पर मानवीयता का आवागमन हो सके? हर घर संकल्प का एक दीपक जलेगा तो वह प्रकाश अवश्य होगा, जिसमें रामराज्य का दृश्य दिखाई देगा। अयोध्या में भव्य भगवान श्रीराम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के साथ यह संकल्प भी अवश्य पूर्ण होगा। इस सकारात्मक भाव के साथ “अक्षरविश्व” परिवार की ओर से प्राण प्रतिष्ठा के इस पावन अवसर की अनंत शुभकामनाएं। मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने भी कहा है राजा राम प्रत्येक भारतीय और विश्व में व्याप्त सनातनियों के आदर्श हैं। वे सत्यनिष्ठा के प्रतीक, सदाचरण और आदर्श पुरुष के साकार रूप मर्यादा पुरुषोत्तम हैं। श्रीराम जन्मस्थान मंदिर निर्माण के हर्षोल्लास के साथ हमें भगवान राम के जीवन से प्रेरणा भी लेनी चाहिए।
यह संकेत भी लोगों का उत्साह दे रहा है। पहले रावण को मारना चुनौती थी और आज भ्रष्टाचार को खत्म करना बड़ी चुनौती बनता जा रहा। यद्यपि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके विरुद्ध लड़ाई शुरू कर दी है और एक दिन ऐसा भी आएगा जब भ्रष्टाचार की लंका एक इतिहास बनकर रह जाएगी। इसके लिए भी पूरे देश को एकजुट होकर जज्बे के साथ काम करना होगा। जिनके पास अधिकार हैं, वे यह संकल्प लें कि कोई फाइल इसलिए नहीं रोकी जाएगी, कि उससे कुछ प्राप्त करना है।
श्रीराम धर्म की स्थापना के लिए राज्य छोड़कर जंगल जा सकते हैं तो भ्रष्टाचार का धन छोडऩा कोई कठिन काम नहीं, फिर क्यों हम इसके सामने परास्त हो जाते हैं? इस प्रश्न का उत्तर भी उत्साह के इस वातावरण में खोजा जा सकता है। क्या हम सभी मिलकर धरती पर ऐसा समन्वय सेतु नहीं बना सकते जिस पर मानवीयता का आवागमन हो सके? हर घर संकल्प का एक दीपक जलेगा तो वह प्रकाश अवश्य होगा, जिसमें रामराज्य का दृश्य दिखाई देगा। अयोध्या में भव्य भगवान श्रीराम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के साथ यह संकल्प भी अवश्य पूर्ण होगा।
इस सकारात्मक भाव के साथ अक्षरविश्व परिवार की ओर से प्राण प्रतिष्ठा के इस पावन अवसर की अनंत शुभकामनाएं। मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने भी कहा है राजा राम प्रत्येक भारतीय और विश्व में व्याप्त सनातनियों के आदर्श हैं। वे सत्यनिष्ठा के प्रतीक, सदाचरण और आदर्श पुरुष के साकार रूप मर्यादा पुरुषोत्तम हैं। श्रीराम जन्मस्थान मंदिर निर्माण के हर्षोल्लास के साथ हमें भगवान राम के जीवन से प्रेरणा भी लेनी चाहिए।










