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नई शिक्षा नीति पर देश के 350 कुलपति उज्जैन में करेंगे मंथन

2 फरवरी को आयोजन, राज्यपाल, सीएम, यूजीसी चैयरमैन आएंगे

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अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन केंद्र की नई शिक्षा नीति पर महाकाल नगरी उज्जैन में अगले माह देश के करीब 350 कुलपति मंथन करेंगे और इसे लागू करने के लिए मध्यप्रदेश के अनुभव लेंगे। मुख्य समारोह में राज्यपाल मंगुभाई पटेल, सीएम डॉ. मोहन यादव और यूजीसी के चायरमैन के भी शामिल होने की संभावना है।

 

विक्रम विवि प्रशासन इस समारोह की तैयारी में बतौर मेजबान जुट गया है। यह 2 फरवरी को विश्वविद्यालय के प्रशासनिक माधव भवन में नई शिक्षा नीति का क्रियान्वयन नाम से आयोजित होगा। इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है। कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पांडेय के अनुसार कार्यक्रम में यूजीसी के चायरमैन विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे। यह कार्यक्रम ही यूजीसी का रहेगा, विश्व विद्यालय इसकी मेजबानी करेगा। कार्यक्रम में नई शिक्षा नीति को लेकर कई फैसले भी हो सकते हैं। समारोह में मध्यप्रदेश के अलावा उत्तरप्रदेश, छत्तीसगढ़ और उत्तराखंड विश्वविद्यालयों के कुलपति हिस्सा लेंगे।

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नई नीति लागू करने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है। नवंबर 2022 में प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लागू हो चुकी है। शैक्षणिक सत्र 2021-22 के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति की गई है। राज्यपाल मंगू भाई पटेल और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मिंटो हॉल में आयोजित कार्यशाला में इसकी घोषणा की थी। सीएम डॉ. मोहन यादव उस समय उच्च शिक्षा मंत्री थे।

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शिक्षा नीति की खास बातें

नई शिक्षा नीति लागू होने के बाद क्रेडिट प्रणाली से रिजल्ट आएगा।

सर्टिफिकेट एक साल, डिप्लोमा दो साल और डिग्री तीन साल में मिल जाएगी।

नई शिक्षा नीति लागू होने से 5+3+3+4 के पैटर्न को फॉलो किया जाएगा।

11वीं और 12वीं के बच्चे भी अब सारे विषय पढ़ेंगे।

साइंस स्ट्रीम से पढ़ रहा बच्चा, इतिहास भी पढ़ सकता है। वैकल्पिक विषयों को भी एक विषय के रूप में ही शामिल किया जाएगा।

तैयारी कर रहे हैं
नई शिक्षा नीति को लेकर आयोजित होने वाले कार्यक्रम की तैयारी होस्ट के रूप में कर रहे हैं। इसमें 350 कुलपति शामिल होने की संभावना है। सभी मिलकर नई शिक्षा नीति पर मंथन करेंगे।
प्रो. अखिलेश कुमार पांडेय
कुलपति विक्रम विवि

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