फेसबुक पर दो युवकों में हुआ प्यार

By AV NEWS

धर्मशाला में रात रुके, फिर एक ने आत्महत्या कर ली

उज्जैन। सोशल मीडिया के फेस बुक पर दो युवकों के बीच प्यार हो गया। दोनों ने एक रात धर्मशाला में साथ बिताई और बाद में एक युवक ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली। पंवासा पुलिस ने मामले में युवक के खिलाफ आत्महत्या के लिये प्रेरित करने का केस दर्ज किया है।

टीआई गजेन्द्र पचौरिया ने बताया कि अमृतलाल पिता भंवरलाल 30 वर्ष निवासी पंवासा ने 10 अगस्त 2022 को घर में जहर खाकर आत्महत्या कर ली थी। मामले में मर्ग कायम कर मृतक के परिजनों के बयान लिये गये जिसमें पता चला कि अमृतलाल की फेसबुक पर जगदीश बामनिया निवासी धार से दोस्ती हुई थी जो बाद में प्यार में बदल गई।

जगदीश बामनिया धार से उज्जैन आया और अमृतलाल के साथ धर्मशाला में रात भी गुजारी। इस दौरान जगदीश ने शारीरिक संबंध बनाने के लिए परेशान किया। इसी से आहत होकर अमृतलाल ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली थी। जांच के बाद पुलिस ने जगदीश बामनिया के खिलाफ धारा 306 के तहत केस दर्ज किया है।

स्टेशन पर खड़ी ट्रेन से ट्राली बैग चोरी

उज्जैन। मक्सी रेलवे स्टेशन पर खड़ी ट्रेन से अज्ञात बदमाश ने एसी कोच में बैठे यात्री का ट्राली बैग चोरी कर लिया जिसमें 50 हजार रुपये का सामान रखा था। पुलिस ने बताया कि दीप खरे पिता यूएस खरे निवासी रीवा गुरूवार को ओवरनाईट एक्सप्रेस के एसी कोच में जबलपुर से इंदौर की यात्रा कर रहा था। ट्रेन मक्सी स्टेशन पर रुकी जहां अज्ञात बदमाश ने दीप खरे का ट्राली बैग चोरी कर लिया जिसमें कपड़े, मूर्तियां व अन्य सामान रखा था।

75 वर्षीय बहु दिव्यांग वृद्धा को 6साल बाद लेने सेवाधाम पहुंची बेटी

उज्जैन। सेवाधाम आश्रम में 6 साल से रह रही 75 वर्षीय बहु दिव्यांग सावित्री बाई काह हाथ थामने उनकी बेटी पहुंची तो वृद्धा की आंखों में आसूं छलक पड़े।सेवाधाम आश्रम संस्थापक सुधीर भाई गोयल ने बताया वर्ष 2017 में इन्दौर के वरिष्ठ समाजसेवी समरथमलजी संघवी के अनुरोध पर जैन समाज की साध्वी श्री मां की सेवक को सावित्रीबाई को आश्रम प्रवेश दिया गया था।

वे इन्दौर स्थित एक स्थानक में साध्वी रमणीक कुंवरजी के सानिध्य में रह रही थी, लेकिन 70 वर्ष की उम्र में अशक्त होने पर उन्हें सेवाधाम भेजा गया सेवाधाम में 6 साल उनकी सेवा की गई। उनकी एक बेटी के गुजरात में होने की जानकारी मिलने पर गोयल परिवार से बातचीत कर उन्हें समझाइश दी। इसके बाद नववर्ष 2023 में वृद्धा को अपना परिवार मिला। सुधीर भाई ने सावित्रीबाई का शाल ओढ़ाकर, माला पहनाकर व मिठाई खिलाकर परिवार में पुनर्वास किया।

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