शिप्रा में बाढ़ के बाद घाटों से मिट्टी और गाद हटा रहे
विभिन्न वार्डों में भी चोक नाले-नालियों को किया जा रहा साफ
उज्जैन।बारिश थमने के बाद अब शिप्रा के घाटों से लेकर सड़कों तक गंदगी फैल गई है। आज सुबह से ही नगर निगम का अमला नदी से लेकर विभिन्न वार्डों में पहुंचकर सफाई कार्य में जुटा हैं।
इस दौरान लोगों को समझाइश और दुकानदारों को चेतावनी भी दी जा रही हैं कि वे नालियों और सड़कों पर कचरा नहीं फेंके। अन्यथा चालानी कार्रवाई की जाएगी।
रविवार से शुरू हुआ बारिश का दौर मंगलवार दोपहर तक पूरी तरह थम गया। दो दिन की अनवरत बारिश से शहर की सफाई व्यवस्था बिगड़ गई। शिप्रा में आई बाढ़ में घाट और मंदिर पूरी तरह जलमग्न हो गए थे। नदी का पानी उतरा तो घाटों पर मिट्टी और गाद जमा हो गई।
सुबह से घाटों और मंदिर की व्यापक रूप से सफाई की जा रही हैं। फायर ब्रिगेड के फायटर से तेज धार से पानी डालकर मिट्टी और गाद को हटाया जा रहा है।
बाढ़ से नदी में कचरा जमा हो गया है जिसे ट्रालियों से भरकर अन्यत्र ले जा रहे हैं। बारिश के कारण शहर में कई जगह पर नालियां जाम होने से सड़कों तक कचरा आ गया।
इसके अलावा कचरे के कारण नाले-नालियों भी जाम हो गए हैं। इससे गंदगी फैल रही है। कई जगह पर दुकानों के सामने गंदा पानी भी जमा हो गया है। लोग कल से ही नगर निगम में शिकायत भी कर रहे हैं।
नालियों में कचरा डाल रहे लोगों को समझाइश और दुकानदारों को चेतावनी दे रहे अधिकारी
निगम के अपर आयुक्त आदित्य नागर द्वारा वार्ड क्रमांक 25, 26, 28 में विभिन्न क्षेत्रों के पार्षद के साथ निरीक्षण करते हुए रहवासियों को कचरा अलग-अलग रखने हेतु समझाइश दी गई।
साथ ही मालीपुरा क्षेत्र में हारफूल व्यवसायियों द्वारा हार फूल, पत्ती नालियों में डाली जा रही थी। इस पर संबंधित अधिकारियों को चालानी कार्यवाही करने के लिए कहा गया। इस बीच कई लोगों ने नियमित सफाई नहीं होने और कचरा वाहन समय पर नहीं आने की शिकायत भी अपर आयुक्त से की।
ये सेल्फी पड़ सकती है भारी….
जोरदार बारिश के बाद शिप्रा नदी में बाढ़ आ गई। बाढ़ का पानी धीरे-धीरे उतर रहा है। घाटों पर मिट्टी और गाद के कारण फिसलन बनी हुई है। युवक-युवतियां और बच्चे नदी किनारे मोबाइल से सेल्फी ले रहे हैं। घाट पर फिसलकर नदी में डूब सकते हैं। इन्हें यहां तैनात पुलिस जवानों द्वारा रोका भी नहीं जा रहा है।