इंदौर और मनमाड़ के बीच नई रेल लाइन शुरू की जा रही है। इससे मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में हजारों करोड़ का निवेश आएगा। यह बात रेल मंत्री अश्विनी वैष्णवी ने इंदौर में पत्रकारों से वर्चुअल बातचीत की दौरान कही। इस दौरान ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में मुख्यमंत्री मोहन यादव समेत कई वरिष्ठ भाजपा नेता मौजूद रहे।
सीएम मोहन यादव ने कहा कि ये रेल नहीं, आदिवासियों के लिए विकास लाइन है। रेलवे ट्रैक नहीं होने से आजादी के कारण यहां से बड़ी संख्या में आदिवासियों का पलायन हुआ है। यह रुक जाएगा। उन्होंने कहा कि ये त्र्यंबकेश्वर से महाकालेश्वर को जोड़ने वाला रास्ता है। इससे माइनिंग से मिलेट्स, नासिक के प्याज, मालवा के आलू को बड़ा मार्केट मिलेगा। लॉजिस्टिक हब भी विकसित होगा।
चार जगह रेलवे गोदाम बनेंगे। दो रेल गोदाम इंदौर के पास कैलोद और धार जिले के ग्यासपुरखेड़ी में जबकि दो महाराष्ट्र के न्यू धुले और मालेगांव में बनेंगे। इस ट्रैक का फ्रेट कॉरिडोर की तरह भी इस्तेमाल किया जा सकेगा। प्रोजेक्ट की लागत 18036 करोड़ रुपए है। मध्यप्रदेश में 13628 करोड़ रुपए जबकि महाराष्ट्र में 4408 करोड़ रुपए का खर्च होंगे। प्रदेश के हिस्से के खर्च में 10% यानी 1,362.80 करोड़ रुपए मध्यप्रदेश सरकार वहन करेगी। बाकी केंद्र सरकार देगी। महाराष्ट्र सरकार का योगदान नहीं रहेगा।
इंदौर से मनमाड़ तक कुल 34 रेलवे स्टेशन इस लाइन पर आएंगे। इनमें से 30 नए बनेंगे जबकि चार पहले से हैं। मध्यप्रदेश में 17 नए स्टेशन मिलाकर कुल 18 रेलवे स्टेशन होंगे। इंदौर की तरफ से देखें तो महू (पहले से है), कैलोद, कमदपुर, झाड़ी बरोदा, सराय तालाब, नीमगढ़, चिक्त्या बड़, ग्यासपुरखेड़ी, कोठड़ा, जरवाह, अजंदी, बघाड़ी, कुसमारी, जुलवानिया, सली कलां, वनिहार, बवादड़ और मालवा स्टेशन महाराष्ट्र बॉर्डर पर बनेगा।
महाराष्ट्र में 16 स्टेशन होंगे, जिसमें से तीन पहले से बने हुए हैं। ये स्टेशन सांगवी, लोकी, शिरपुर, दभाक्षी, नदाना (पहले से है), न्यू धुले (पहले से है), कस्बे ललिंग्नान, पूरमपेड़ा, झांझ, छीकाहोल, मालेगांव, यसगांव बीके, मेहुन, चोंधी, खटगांव और मनमाड़ (पहले से है) होंगे।