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500 करोड़ रु. का मेडिकल कॉलेज बनाने के लिए फंड का संकट…

विक्रम विवि प्रशासन सीएम डॉ. मोहन यादव से करेगा मंथन

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अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन उज्जैन में मेडिकल कॉलेज स्थापित करने के लिए विक्रम विवि प्रशासन 500 करोड़ रुपए का फंड जुटाने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के सामने पेशकश रखेगा। उज्जैन प्रवास पर आए सीएम से रविवार को चर्चा होने की संभावना है। चिकित्सा शिक्षा विभाग से अनिवार्यता प्रमाण पत्र भी अब तक मिल नहीं सका है।

 

मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए विक्रम विवि प्रशासन तैयारी कर रहा है। इसके लिए शिक्षक और स्टाफ प्रबंधन पहली प्राथमिकता है। सूत्रों के अनुसार कॉलेज खोलने के लिए पांच साल की तैयारी आरंभ में होना जरूरी है। इस कारण कॉलेज खोलने पर 500 करोड़ रुपए के आसपास बजट लगने की संभावना है। रविवार को विक्रम विवि के कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पांडेय सीएम डॉ. यादव से चर्चा करने की कोशिश करेंगे।

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संभावना है कि सीएम इसके लिए सरकार से वित्तीय सहायता उपलब्ध करा सकते हैं। इससे मेडिकल कॉलेज खोलने की राह साफ हो सकेगी। कॉलेज के लिए 35 एकड़ जमीन का चयन किया जा चुका है। इसे चरक हॉस्पिटल से इसे जोडऩे की तैयारी भी की जा चुकी है। महाकाल मंदिर प्रबंध समिति के साथ जुड़कर इसे शुरू करने पर भी चर्चा की जा सकती है। महाकाल मंदिर प्रबंधन समिति के साथ संयुक्त रूप से इसे संचालित करने में आर्थिक बाधा दूर होगी और मंदिर ट्रस्ट के माध्यम से चिकित्सा सेवा बड़े स्तर पर शुरू की जा सकेगी।

शहर में मेडिकल कॉलेज खोलना सीएम डॉ. मोहन यादव का ड्रीम प्रोजेक्ट है। विवि उज्जैन में 150 सीट का चिकित्सा महाविद्यालय शुरू करने के लिए शासन के चिकित्सा शिक्षा विभाग के आयुक्त को प्रस्ताव भेजा गया था। इस पर चिकित्सा शिक्षा विभाग के आयुक्त ने चार सदस्यीय समिति गठित की थी। 5 जनवरी को टीम द्वारा विवि पहुंचकर अनिवार्यता प्रमाण पत्र के लिए निरीक्षण किया जा चुका है। यह प्रमाणपत्र मिलने के बाद प्रोजेक्ट तैयार कर दिल्ली में केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। टीम द्वारा जिला चिकित्सालय, चरक भवन और विवि परिसर में एसओईटी तथा मानविकी भवन के पीछे 35 एकड़ जमीन और भवनों का निरीक्षण भी किया जा चुका है।

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तैयारी कर रहे, हर पहलुओं पर विचार मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए सभी पहलुओं पर तैयारी की जा रही है। इसके लिए जमीन का चयन किया जा चुका है और जिला चिकित्सालय से जोडऩे की भी तैयारी की जा चुकी है। अभी सबसे बड़ी समस्या फंड की है। जल्द ही इसका रास्ता निकालने का प्रयास कर रहे। इसके लिए सीएम से भी बात की जाएगी।।
प्रो. अखिलेशकुमार पांडेय, कुलपति विक्रम विवि

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