उज्जैन:तय समय पर नहीं पहुंचे तो स्लॉट ऑटोमैटिक हो रहा कैंसिल

By AV NEWS

रजिस्ट्री कराने के लिए स्लॉट के बीच का समय 30 से घटाकर 10 मिनट किया, बाहर से आए लोग परेशान

उज्जैन।लॉकडाउन में करीब दो महीने रजिस्ट्री का काम ठप रहा। इससे राजस्व वसूली पर भी काफी असर पड़ा है। यही वजह है कि फिर से रजिस्ट्रियां शुरू होने पर वसूली बढ़ाने के लिए जिला पंजीयन विभाग ने रजिस्ट्री का टाइम स्लॉट घटा दिया है। अब एक रजिस्ट्री के लिए 30 मिनट के बदले 10 मिनट का ही स्लॉट दिया जा रहा है। इससे एक दिन में ज्यादा रजिस्ट्री हो सकेगी और राजस्व वसूली भी बढ़ेगी। इधर इस व्यवस्था से हालात और बिगड़ रहे है क्योंकि 10 मिनिट में यदि क्रेता-विक्रेता मौजूद नहीं होते है तो स्लॉट ऑटोमेटिक कैंसिल हो जाता है और वे रजिस्ट्री करवाए बिना ही लौट रहे हैं।

गौरतलब है कि भरतपुरी स्थित जिला पंजीयन कार्यालय पर रजिस्ट्री अनलॉक के पहले दिन से ही शुरू हो गई थी, लेकिन कई दिनों तक इसमें तेजी नहीं आई। ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाने और एक दिन में ज्यादा रजिस्ट्री के लिए इसका टाइम स्लॉट घटा दिया है। रजिस्ट्री के लिए ऑनलाइन आवेदन के वक्त ही टाइम स्लॉट अलॉट होता है। ऐसे में लोगों को रजिस्ट्री के लिए निर्धारित समय पर पहुंचना जरूरी है। यदि कोई पक्षकार समय से एक-दो मिनिट भी लेट हुआ तो उसका स्लॉट ऑटोमेटिक कैंसिल हो जाता है। फिर उन्हें दूसरा स्लॉट लेना पड़ता है। इस व्यवस्था के चलते बाहर से रजिस्ट्री के लिए आए लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं। इस संबंध में जिला पंजीयक मंजुलता पटेल ने कहा कि लॉकडाउन में जो रजिस्ट्री नहीं करवा पाए थे, वे अब आ रहे है। सभी की रजिस्ट्री हो इसलिए स्लॉट के बीच का अंतर 10 मिनट तय किया है। उप पंजीयक की ओर से कोई परेशानी नहीं है।

मेकर की संख्या भी कम
जिला पंजीयन एसोसिएशन अध्यक्ष कैलाश बंसल ने बताया रजिस्ट्री के दौरान पक्षकारों व गवाह के फोटो खींचने का काम मेकरों और दस्तावेजों की जांच पड़ताल की जिम्मेदारी चेकरों के हवाले होती हैं, लेकिन इस समय जिला पंजीयन कार्यालय पर 5 चेकरों के बीच केवल 2 ही मेकर नियुक्त है। ऐसे में इनकी कमी भी परेशानी का कारण बन रहा है।

कनेक्टिविटी फैल
आए दिन जिला पंजीयन कार्यालय पर तकनीकी खामियों देखने को मिलती है। सोमवार को भी कार्यालय में रजिस्ट्री के लिए उपयोग में आने वाले सर्वर की कनेक्टिविटी फैल रही, जिसके कारण भी लोग रजिस्ट्री नहीं करवा पाए। हालात यह रहे कि 50 से ज्यादा लोग बिना रजिस्ट्री करवाए लौट गए।

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