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24 साल बाद विश्वविद्यालयों के कुलसचिव पद पर सीधी भर्ती

मध्यप्रदेश लोकसेवा आयोग ने विज्ञापन भी निकाल दिया

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उज्जैन।प्रदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलसचिव पद पर 24 साल बाद सीधी भर्ती होने जा रही है। इसके लिए मप्र लोकसेवा आयोग ने विज्ञापन भी निकाल दिया है। बता दें कि अनेक विश्वविद्यालयों में प्रभारी और उपकुलसचिव का दायित्व देकर कुलसचिव का काम लिया जा रहा है।

प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग के अधीन रजिस्ट्रार के कुल 14 पद है। इनमें से 25 प्रतिशत पद सीधी भर्ती के अधीन रखे गए हैं। शेष 10 पद विश्वविद्यालय सेवा के अधिकारियों की पदोन्नति से भरे जाने चाहिए। विश्वविद्यालय सेवा में असिस्टेंट रजिस्ट्रार के रूप में नियुक्त अधिकारी वर्षों से पदोन्नति की राह देख रहे हैं। 2003 से ही इन अधिकारियों को पदोन्नत नहीं किया गया है। एक बार पदोन्नति पाकर डिप्टी रजिस्ट्रार बने ये अधिकारी पदोन्नति के इंतजार में प्रभारी रजिस्ट्रार बनकर काम कर रहे हैं। सीधी भर्ती की घोषणा ने इन्हें नाराज कर दिया है। इनके मुताबिक, सीधी भर्ती के जरिये कम अनुभवी बाहरी लोग सीधे उनके ऊपर बैठा दिए जाएंगे, जबकि पहले पदोन्नति के आधार पर सरकार को विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार के पदों की पूर्ति करना चाहिए।

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पदोन्नति की राह देख रहे अधिकारी खुश नहीं

मप्र लोकसेवा आयोग ने प्रदेश के सरकारी विश्वविद्यालयों के कुलसचिव यानी रजिस्ट्रार पद पर सीधी भर्ती की घोषणा की है। चार पदों के लिए विज्ञापन भी निकाल दिया है। 18 नवंबर से आवेदन पत्र जारी कर दिए जाएंगे। अन्य महकमों में काम कर रहे द्वितीय श्रेणी के अधिकारियों को प्रथम श्रेणी अधिकारी बनकर विश्वविद्यालय सेवा में दाखिल होने का मौका मिलता दिख रहा है। 20 वर्षों से पदोन्नति की राह देख रहे प्रदेश के विश्वविद्यालय सेवा के अधिकारी इसे पिछले दरवाजे से एंट्री और शासन की मनमानी करार दे रहे हैं।

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चार पदों के भर्ती

पीएससी ने भर्ती विज्ञापन जारी किया है। कुल चार पदों में से दो अनारक्षित श्रेणी के हैं, जबकि एक अनुसूचित जनजाति व एक ओबीसी के लिए आरक्षित है। पद के लिए ऐसा कोई भी व्यक्ति जो 55 प्रतिशत या अधिक अंकों से स्नातकोत्तर की डिग्री रखता हो, साथ ही शासकीय विभाग या विश्वविद्यालय में 10 वर्ष का प्रशासनिक या शैक्षणिक अनुभव रखता हो, आवेदन कर सकता है। नियुक्ति के लिए न्यूनतम आयुसीमा 32 वर्ष, जबकि अधिकतम 45 वर्ष हो सकती है। आरक्षित श्रेणी में आयुसीमा में तीन वर्ष की छूट मिलेगी।

पीएससी के अनुसार आवेदन करने वालों की संख्या 500 से कम होने पर इंटरव्यू के जरिये सीधे चयन कर लिया जाएगा। 500 से अधिक आवेदन आने पर लिखित परीक्षा भी होगी। कुलसचिव के पदों पर इससे पहले सीधी भर्ती के लिए 1998 में विज्ञापन जारी हुआ था। हालांकि, तब आवेदन नहीं आने पर विश्वविद्यालय के उपकुलसचिवों को ही सीधी भर्ती के विरुद्ध नियुक्ति दे दी गई थी।

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