उज्जैन के पास ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट बनेगा!

विमानन विभाग ने किया सर्वे, केंद्र को भेजी जाएगी रिपोर्ट

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अक्षरविश्व न्यूज . उज्जैन:उज्जैन और देवास के बीच ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट बनाने की तैयारी उच्च स्तर पर शुरू हो गई है। प्रदेश के विमानन विभाग की टीम ने हवाईपट्टी और आसपास के इलाके का सर्वे कर लिया है। जल्द ही इसकी रिपोर्ट प्रदेश की डॉ. मोहन यादव सरकार को भेजी जाएगी, जहां से इसे केंद्र को भेजने का निर्णय हो सकता है। ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट बनने से उज्जैन, देवास और इंदौर को विकास की नई उड़ान मिलेगी।

प्रदेश सरकार ने उज्जैन और देवास के बीच 10 हजार एकड़ जमीन की पहचान की है, जहां एक नए ग्रीनफील्ड अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का निर्माण करने की योजना है। इसे अधिग्रहित किया जाएगा। प्रस्तावित हवाई अड्डा, देवास, उज्जैन और इंदौर जिलों के सेंटर पर है, जिसमें कम से कम पांच रनवे बनाने की संभावना तलाशी जा रही है। इस जगह से करीब दो घंटे की ड्राइव पर एक 360 औद्योगिक रिंग भी बनाई जाएगी जो क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को और बढ़ावा देगी।

हवाईपट्टी के पास विक्रम उद्योगपुरी विकसित की गई है। यहां अमूल की यूनिट भी स्थापित की गई है। कई उद्योग यहां आ रहे हैं। इससे भी ग्रीन एयरफील्ड एयरपोर्ट बनने से विकास में मदद मिलेगी। इस स्थान से देवास और इंदौर की कनेक्टिविटी भी अच्छी है।

देवास से शिप्रा होते हुए इंदौर और उज्जैन से पहले तपोभूमि होकर इंदौर से आने वाले वाहन सीधे दताना हवाईपट्टी की ओर जा सकते हैं। राज्य सरकार में औद्योगिक नीति विभाग के प्रमुख सचिव संजय कुमार शुक्ला के अनुसार मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अधिकारियों से भूमि अधिग्रहण और विकास परियोजना तैयार करने को कहा है। उन्होंने एक अध्ययन का हवाला देते हुए कहा से मौजूदा हवाई अड्डे के विस्तार के लिए आवश्यक 2,314 एकड़ जमीन का अधिग्रहण करने की तुलना में एक नए अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का निर्माण ज्यादा आसान होगा। नए अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का विचार तब आया जब भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण  ने देवी अहिल्याबाई हवाई अड्डे के विस्तार के लिए अधिक भूमि अधिग्रहण करने का सुझाव दिया।

नया हवाईअड्डा पूरे क्षेत्र में आर्थिक उछाल लाएगा। सरकर नए हवाई अड्डे के चारों ओर एक औद्योगिक क्षेत्र बनाने की योजना भी बना रही है। इंदौर का देवी अहिल्या हवाई अड्डा एक सीमा शुल्क हवाई अड्डा है और इसका क्षेत्रफल लगभग 750 एकड़ है। इसमें एक ही रनवे है और प्रति सप्ताह 394 घरेलू उड़ानें संचालित होती हैं।

रिपोर्ट के अनुसार देश में मार्च में 21 ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट को मंजूरी दी जा चुकी है। जो एयरपोर्ट संचालित हैं, उनमें दुर्गापुर एयरपोर्ट, शिरडी एयरपोर्ट, कन्नूर एयरपोर्ट, पाकयोंग एयरपोर्ट, कलबुर्गी एयरपोर्ट, कुरनूल एयरपोर्ट, सिंधुदुर्ग एयरपोर्ट और उत्तर प्रदेश में कुशीनगर एयरपोर्ट शामिल हैं। मध्य प्रदेश में परिवहन सेवाओं और यातायात को सुगम बनाने के लिए 5 ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे प्रस्तावित हैं।

पहले चापड़ा में बनाने का आया था प्रस्ताव, लेकिन… : केंद्र सरकार की सैद्धांतिक सहमति के बाद देवास जिले के चापड़ा में कमलनाथ सरकार ने 2019-20 में इंदौर और भोपाल के बीच ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट प्रस्तावित एयरपोर्ट की घोषणा की थी। सरकार बदलने पर 2 साल बाद तत्कालीन उद्योग मंत्री राजवर्धन दत्तीगांव ने भी एयरपोर्ट अथॉरिटी के तत्कालीन चेयरमैन संजीव कुमार से चर्चा की थी। इसके बाद एयरपोर्ट घाटी की एक टीम ने उद्योग विभाग के साथ इंदौर पहुंचकर बैठक भी की थी।

उद्योग विभाग ने एक डीपीआर एविएशन एक्सपर्ट मनीष सिन्हा ने तैयार कर राज्य शासन को सौंपी थी। प्रोजेक्ट रिपोर्ट के अनुसार देवास जिले के चापड़ा में 2100 हेक्टेयर भूमि पर ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा तैयार करने का प्रस्ताव था। इसके लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया के लिए करीब 751 करोड़ रुपए का भी निर्धारण हो गया था। औद्योगिक नीति और निवेश प्रोत्साहन विभाग ने 47 लाख रुपए खर्च कर एयरपोर्ट अथॉरिटी से एयरपोर्ट का सर्वे भी कराया था। इसी दौरान एयरपोर्ट अथॉरिटी ने सर्वे के दौरान सवाल उठाया था कि प्रस्तावित एयरपोर्ट सरकारी खर्चे पर बनेगा या पीपीपी मोड पर। इस पर राज्य सरकार कुछ भी स्पष्ट नहीं कर पाई थी।

राज्यसभा में आए एक सवाल के जवाब में 13 मार्च को नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने स्पष्ट किया था कि चापड़ा अथवा अन्य किसी स्थान पर मध्य प्रदेश सरकार से ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट तैयार करने के लिए कोई भी डीपीआर अथवा प्रस्ताव नहीं मिला है। इससे ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट की योजना का अधर में पड़ गई थी।

जानिए क्या है ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट

एक नई और अविकसित जमीन पर बनाए गए एयरपोर्ट को ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट कहा जाता है।

ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट का तात्पर्य है नया एयरपोर्ट जो एकदम शुरुआत से बनाया जा रहा हो। ठ्ठ इसमें ग्रीनफील्ड शब्द का कनेक्शन सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग से है।

ऐसे एयरपोर्ट को उस जमीन पर बनाया जाता है, जिस पर पूर्व में कुछ भी काम न कराया गया हो।

इसे तैयार करते समय पर्यावरण का विशेष ध्यान रखा जाता है। एयरपोर्ट पूरी तरह से इको फ्रेंडली होता है।

इसे कभी भी हरी भूमि पर नहीं बनाया जाता। पूरी तरह से हो।

यह एयरपोर्ट मौजूदा एयरपोर्ट पर बढ़ती भीड़ को कम करने के लिए भी किया जाता है।

आमतौर पर यह शहर से ज्यादा दूरी पर होता है। यह एक तरह से सेकेंडरी एयरपोर्ट होता है।

भारत का सर्वप्रथम ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट काजी नज़रुल इस्लाम एयरपोर्ट है जो दुर्गापुर में है। इसे 19 सितंबर 2013 को बनाया गया था।

एक्सपर्ट के साथ आई विमानन विभाग की टीम, किया सर्वे

विमानन विभाग की एक दस सदस्यीय टीम ने गुरुवार को सर्वे किया। इस दौरान पीडब्ल्यूडी के ईई अहिरवार और अन्य अधिकारी भी मौजूद थे। टीम ने पीडब्ल्यूडी अधिकारियों को तीन बिंदुओं पर निर्देश दिए हैं। इसके आधार पर पीडब्ल्यूडी द्वारा प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार फिलहाल हवाई पट्टी का विस्तार करने पर काम किया जा रहा है।

प्रदेश विमानन विभाग की टीम ने एयरपोर्ट के लिए सर्वे किया है। टीम की रिपोर्ट मिलने के बाद आगे काम हो सकेगा।
नीरज कुमार सिंह, कलेक्टर

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