डीजे का शोर धडक़न को कहीं बंद न कर दे

बच्चों और बुजुर्गों को इसके शोर से दूर रखें
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80 डेसीबल से ज्यादा न हो शोर डीजे का
सावधानी ही सबसे बड़ा उपाय
अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। सावधान रहें, डीजे का शोर आपके बच्चों और बुजुर्गों के लिए घातक हो सकता है। जान भी जा सकती है। जितना हो सके बचने की कोशिश करें। विवाह समारोह की मस्ती में इतना मशगूल न हों कि जान पर बन आए। भोपाल की एक घटना से सबक ले लीजिए। और हां याद रखें, डीजे का शोर ८० डेसीबल से ज्यादा न हो।
अमूमन देखा गया कि डीजे कम आवाज में नहीं बजते। इसका कानफोड़ू संगीत भी समझ में नहीं आता। आवाज कम हो तो गीत के स्वर भी साफ सुनाई देते हैं, लेकिन ऐसा नहीं होता है। अलबत्ता कुछ ही परिवार ऐसे होतेे हैं जिनके समारोह में डीजे का शोर कम होता है अन्यथा हालात बेकाबू हो जाते हैं। इस शोर से बचने का एकमात्र उपाय यही है कि जब तक आपके सामने से कोई प्रोसेशन गुजर रहा है, आप या तो दूर हो जाएं या कानों को रुमाल इत्यादि से बंद कर लें।
बच्चों और बुजुर्गों के लिए घातक
डीजे का शोर वैसे तो सभी के लिए घातक है, लेकिन यह बच्चों और बुजुर्गों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। यदि आप किसी विवाह समारोह या जुलूस में जा रहे हैं तो बच्चों को शोर से दूर रखें। कई बार देखा गया कि बच्चे शोर के बीच ही कान पकडऩे लगते हैं। उनके कान झन्नाने लगते हैं। बुजुर्गों ेके दिल पर असर होता है तो धडक़न बढ़ जाती है। यही धडक़न आगे जाकर जानलेवा साबित होती है। तबीयत बिगडऩे पर यह पता नहीं चलता कि कारण क्या था। जबकि कारण डीजे का शोर था।
बच्चे ने जान गवां दी डीजे के शोर से
भोपाल में समर नामक १४ साल के बच्चे पर डीजे का जबरदस्त असर हुआ। वह जुलूस में शामिल था। डीजे पूरी आवाज में शोर मचा रहा था। समर को चक्कर आए और वह बेहोश हो गया। उसकी अंगुलियां नीली पड़ गई थीं। डॉक्टरों ने पूरे प्रयास किए लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। इस घटना के बाद एक ही दिन में ९१ उन डीजे संचालकों के खिलाफ कार्रवार्ई की गई जिनकी आवाज ८० डेसीबल से ज्यादा पाई गई।
शोर से धडक़नें असीमित हो जाती हैं
डॉ. प्रकाश उपाध्याय का कहना है कि डीजे के शोर से धडक़नें असीमित हो जाती हैं। शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कम होने लगती है। इससे शरीर पर दुष्प्रभाव पड़ता है। जिन लोगों को दिल की बीमारी है वे तो डीजे से दूर ही रहें। उनक सेहत के लिए यह शोर ठीक नहीं है। बच्चों को भी दूर रखना चाहिए। डीजे वालों को भी चाहिए कि वे आवाज कम रखें। कम आवाज में बजने वाला डीजे वैसे भी कर्णप्रिय होता है। डीजे का शोर किसी के लिए घातक साबित न हो, यह सभी की जिम्मेदारी है।