रेलवे स्टेशन की डिजाइन को लेकर दिल्ली में मंथन

सिंहस्थ 2028 से पूरा करने का लक्ष्य, कई बार हो चुके बदलाव
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अक्षरविश्व न्यूज|उज्जैन। सिंहस्थ 2028 को लेकर प्रदेश के लगभग सभी विभागों द्वारा तैयारियां शुरू कर दी गई हैं, लेकिन रेलवे द्वारा स्टेशन को नए तरीके से भव्य रूप में बनाने की योजना को अंतिम रूप नहीं दिया। अफसर बताते हैं कि दो सालों से स्टेशन की
डिजाइन दिल्ली में अटकी है। इसमें कई बार संशोधन हुए लेकिन निर्माण के टेंडर अब तक जारी नहीं हुए हैं। प्रधानमंत्री ने किया था भूमि पूजन- फरवरी 2024 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा उज्जैन रेलवे स्टेशन के कायाकल्प का वर्चुअली भूमि पूजन किया था। रेलवे द्वारा अमृत भारत स्टेशन योजना में 476 करोड़ रुपए का प्लान बनाया था।
इसके अंतर्गत दो वर्षों में भव्य रेलवे स्टेशन का निर्माण किया जाना प्रस्तावित था। रेलवे इंजीनियर्स द्वारा प्लेटफार्म 1 से लेकर 8 तक सर्वे किया गया। पुरानी बिल्डिंग का उपयोग और तोड़ने के लिए बैठक में निर्णय लिए गए। डिजाइन को लेकर चर्चा हुई। पहले निर्णय हुआ कि शिव के त्रिनेत्र की तर्ज पर डिजाइन बनाई जाएगी। उसके बाद शॉपिंग मॉल की डिजाइन पर चर्चा हुई लेकिन कुछ फाइनल नहीं हुआ। अब डिजाइन फायनल करने के लिए फाइल दिल्ली में पड़ी है जिसे मंजूरी का इंतजार है।
दो चरण में होगा निर्माण- रेलवे अफसरों ने बताया कि रेलवे स्टेशन का कायाकल्प दो चरणों में पूरा किया जाना प्रस्तावित है। पहले चरण को सिंहस्थ 2028 के पहले पूरा करने के लिए 200 करोड़ की लागत से जल्द काम शुरू कराए जाएंगे। रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को बेहतर सुविधाएं, रेस्टोरेंट, रेस्ट हाऊस के अलावा महाकालेश्वर का प्रसाद, उज्जैन के प्रसिद्ध कंकू, मेहंदी, नमकीन आदि के स्टाल भी लगाए जाएंगे।
फ्लैग स्टेशन, भीड़ नियंत्रण पर फोकस
सिंहस्थ 2028 में देश-विदेश से करोड़ों की संख्या में यात्री ट्रेनों के माध्यम से उज्जैन पहुंचेंगे। पूर्व के सिंहस्थ में रेलवे द्वारा नागदा-रतलाम, उज्जैन भोपाल और गुना लाइन पर शहर से पहले फ्लैग स्टेशन बनाए गए थे। इस बार सिंहस्थ के दौरान भी रेलवे को न सिर्फ फ्लैग स्टेशन बल्कि ओवर ब्रिज बनाने की भी आवश्यकता होगी जिसको लेकर अब तक अफसरों द्वारा तैयारियां शुरू नहीं की गई हैं। कायाकल्प योजना के तहत एक ओर रेलवे द्वारा स्टेशन को भव्य तरीके से बनाने का काम लंबित पड़ा है वहीं दूसरी ओर सिंहस्थ महापर्व के मद्देनजर भीड़ नियंत्रण की कोई योजना रेलवे अफसरों द्वारा नहीं बनाई गई है।