प्राधिकरण प्रशासन के समक्ष 900 से ज्यादा किसानों ने सिंहस्थ भूमि पर रखी अपनी बात

कल दावे-आपत्ति का अंतिम दिन, अब समिति करेगी अनुशंसा
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अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। प्रदेश की पहली स्पिरिचुअल सिटी बनाने की मशक्कत कर रहे उज्जैन विकास प्राधिकरण की दावे-आपत्ति हासिल करने की प्रोसेस अंतिम दौर में पहुंच गई है। बुधवार को दावे-आपत्ति का अंतिम दिन रहेगा। इसके निराकरण के लिए बनी समिति अपनी अनुशंसा आगे भेज देगी। उस मुताबिक आगे की प्रोसेस शुरू होगी।
स्पिरिचुअल सिटी बनाने के लिए उज्जैन विकास प्राधिकरण ने टीडीएस 8, 9 , 10 व 11 के नाम से विकास योजना बनाई है। इसमें किसानों को लैंड पुलिंग का प्रस्ताव दिया गया है। योजना को लेकर किसानों से दावे-आपत्ति और सुझाव मांगे गए थे। 25 मई से शुरू हुई सुनवाई 18 जून तक चलनी है। अब तक करीब 900 किसानों ने अपने सुझाव व आपत्तियां समिति को दी हैं। किसान बता रहे हैं कि चारों योजनाओं में करीब 1800 किसान आ रहे हैं। इनमें से किसानों की एक जैसी आपत्तियों को मिला दिया है। हालांकि प्राधिकरण की ओर से बताया जा रहा है कि करीब 900 किसानों के दावे-आपत्तियां आ चुकी हैं।
50-60 किसान और बचे होंगे। जिन्हें तय समय में समिति के माध्यम से सुना जाएगा। सुनवाई के उपरांत समिति योजनाओं को लेकर परिवर्तन, सुधार जैसे अपनी अनुशंसा करेगी। जिन्हें यूडीए बोर्ड में प्रस्तुत किया जाएगा। बोर्ड में इन अनुशंसाओं पर फैसला लिया जाएगा। इसके आधार पर योजनाओं के ले-आउट में बदलाव कर स्वीकृति के लिए नगर तथा ग्राम निवेश भोपाल को भेजा जाएगा। वहां से स्वीकृति उपरांत फिर से बोर्ड बैठक में रखकर अंतिम प्रस्ताव पर मोहर लगाई जाएगी।
दावे-आपत्ति खारिज तो कमिश्नर को करेंगे अपील
सिंहस्थ भूमि अधिग्रहण को लेकर किसानों द्वारा प्रस्तुत दावे-आपत्तियां की स्थिति गुरुवार तक साफ हो जाएगी। किसान बता रहे हैं कि प्राधिकरण यदि आपत्तियों को निरस्त करना है तो संभागायुक्त के यहां अपील की जाएगी। संभागायुक्त के यहां से निर्णय व अनिर्णय की स्थिति के बाद न्यायालय में अपील की जाएगी। हालांकि किसानों को संभागायुक्त के लिए अपील होने की बात कही जा रही है। दअरसल उज्जैन संभागायुक्त प्राधिकरण अध्यक्ष भी है। ऐसे में निष्पक्ष सुनवाई के लिए इंदौर या भोपाल संभागायुक्त को अधिकार दिए जा सकते हैं।