शहर में तेजी से फैल रहा डेंगू

By AV NEWS

सही आंकड़ों को छुपाकर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे अफसर

अधिकांश मरीज प्रायवेट अस्पतालों में उपचार करवा रहे, 15 दिन में 20 से अधिक बीमार मिले

अक्षरविश्व न्यूज:शहर में तेजी से डेंगू फैल रहा है। अधिकांश मरीज प्रायवेट अस्पतालों में उपचार के लिये भर्ती हो रहे हैं। डेंगू, मलेरिया की रोकथाम के लिये शासकीय मलेरिया विभाग है, जांच के लिये सरकारी पैथालॉजी लैब है, सफाई के लिये नगर निगम का अमला भी है लेकिन सभी विभागों के अफसर अपनी अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ रहे हैं।

नतीजा यह कि मरीजों का आंकड़ा दिन ब दिन बढ़ता जा रहा है।जिला मलेरिया विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक पिछले 15 दिनों में लगभग 20 से अधिक डेंगू के मरीज मिले हैं और वर्तमान में यह आंकड़ा प्रतिदिन दो मरीजों का है। सीएमएचओ कार्यालय द्वारा डेंगू मरीजों के आंकड़े सार्वजनिक नहीं किये जा रहे हैं। अफसरों का कहना है कि सरकारी अस्पताल की लैब में ब्लड टेस्ट कर डेंगू की जांच की जाती है और मरीज का उपचार भी होता है जिसकी जानकारी जिला मलेरिया विभाग को भेजी जाती है।

सीधी बात… एक्सपर्ट के साथ

जिला चिकित्सालय के मेडिकल ऑफिसर डॉ. जितेन्द्र शर्मा ने बताया कि वर्तमान डेंगू के मरीजों में क्रिटिकल स्थिति नहीं दिख रही। पूर्व में डेंगू के मरीजों के हाथ पैरों में तेज दर्द के साथ बुखार होता था। वर्तमान में जो डेंगू के मरीज मिल रहे हैं उनमें प्लेटरेट्स कम होना सामने आ रहा है। डॉ. शर्मा ने बताया कि कोरोना के बाद से लोगों को बीमारी से लडऩे में काफी मुश्किलें हो रही हैं। जो लोग पहले दो या तीन डोज में ठीक होते थे उन्हें अब डबल डोज देना पड़ रहा है। डॉ. शर्मा ने बताया कि डेंगू के साथ ही शहर में टायफायड के मरीज भी बढ़ रहे हैं। दूषित भोजन के कारण लोग पीलिया, टायफायड व वायरल फीवर के शिकार हो रहे हैं।

जिला अस्पताल पहुंचे महापौर ने जाने मरीजों के हाल

जिला चिकित्सालय का महापौर मुकेश टटवाल ने दौरा किया एवं जिला चिकित्सालय के प्रभारी डॉ. रौनक एलची एवं जितेंद्र शर्मा से डेंगू के लार्वा संबंधित जानकारी ली। उन्होंने डेंगू के उपचार की व्यवस्था के बारे में भी मरीजों से चर्चा की। महापौर टटवाल ने बताया कि शहर में डेंगू मरीज जिला चिकित्सालय में नहीं है। उन्होंने घर एवं घर के बाहर पानी का जमाव नहीं रखने की अपील की।

जांच किट मान्य ही नहीं

मलेरिया विभाग के सहायक मलेरिया अधिकारी ने बताया कि तेज ठंड, शरीर में दर्द और बुखार की स्थिति में अनेक लोग बाजार में डेंगू की जांच के लिये मेडिकल पर मिलने वाली किट का उपयोग करते हैं। उसी की रिपोर्ट के आधार पर डेंगू की दवाएं भी लेते हैं। हालांकि उक्त किट मान्य नहीं होती। डेंगू के लक्षण दिखने पर डॉक्टर द्वारा लैब में कराई गई जांच को ही मान्य किया जाता है।

शाकाहारी व संतुलित भोजन करें

डेंगू का मच्छर स्वच्छ पानी में फैलता है और दिन के समय लोगों को काटता है। घरों में स्टोर स्वच्छ पानी को ढंककर रखें, छतों पर बारिश का पानी स्टोर न होने दें, कूलर में पानी भरकर नहीं रखें। घर के अंदर व बाहर साफ सफाई रखें। शाकाहारी व संतुलित भोजन करें। फास्ट फूड और सड़क किनारे बिकने वाले खाद्य पदार्थों से परहेज करें।

अफसर बोले -दवा छिड़काव का काम मलेरिया विभाग का

नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी संजेश गुप्ता से शहर में डेंगू की बीमारी फैलने के संबंध में चर्चा की गई तो उनका कहना था कि नगर निगम द्वारा शहर में सफाई को लेकर अभियान स्तर पर कार्य किया जा रहा है। बारीश सीजन में डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारियां फैलती हैं जिसकी रोकथाम के लिये शासकीय मलेरिया विभाग है। डेंगू के मरीज मिलने वाले क्षेत्रों में इसी विभाग द्वारा दवा का छिड़काव आदि कार्य किये जाते हैं।

सीएमएचओ कार्यालय को सूचना का नियम

डेंगू, मलेरिया के मरीज प्रायवेट अस्पतालों में जांच और उपचार करा रहे हैं। नियमानुसार यदि प्रायवेट अस्पताल में ऐसे मरीजों का उपचार हो रहा है तो उसकी सूचना सीएमएचओ कार्यालय को करना अनिवार्य है। हालांकि सीएमएचओ कार्यालय फिलहाल शासकीय अस्पताल की लैब में डेंगू मलेरिया की जांच कराने वालों के आंकड़े ही उपलब्ध हैं।

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