टीम में शामिल उज्जैन के युवक देवल मेहता ने भी दिखाया कमाल
सुधीर नागर| उज्जैन। रोशनी के त्योहार दीपावली से पहले भारत के युवकों की केमिकल प्रतिभा का दीप पूरी दुनिया में जगमग हुआ है। सरदार वल्लभभाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एसवीएनआईटी) के केमिकल इंजीनियरिंग विभाग के तीन छात्रों ने अमेरिका में वेस्ट वाटर (गंदे पानी) से कार (मॉडल) को चलाकर दिखा दिया है।
जिसे बेस्ट अचीवमेंट अवार्ड मिला है। टीम में एक छात्र देवल मेहता उज्जैन का है, जिसने अपनी प्रतिभा का कमाल सेन डियागो से पूरे विश्व को दिखा दिया। अमेरिकन इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल इंजीनियरिंग द्वारा आयोजित केमिकल से चलने वाली कारों की प्रतियोगिता में एसवीएनआईटी ने भाग लिया और कनाडा, अमेरिका, ग्रीस, मैक्सिको, ब्राजील सहित 28 देशों की टीमों से प्रतिस्पर्धा कर भारत का परचम लहरा दिया।
उर्दूपुरा निवासी देवल मेहता, हिमांशु सिंह और घिबली कोठिया ने वेस्ट वाटर का उपयोग कर ई केमिकल कार बनाई और करीब 21 किमी चलाकर अमेरिका को दिखा दिया कि भारत किसी से कम नहीं। सेंट डियागो में 28 अक्टूबर को आयोजित समारोह में देवल सहित भारतीय टीम को पुरस्कृत किया गया। देवल गुरुवार को उज्जैन लौटेगा।
उज्जैन निवासी देवल के आइडिया ने दिखाया कमाल
उर्दूपुरा निवासी देवल मेहता प्रसिद्ध स्वतंत्रता संग्राम सेनानी कांतिलाल मेहता का प्रपौत्र है और मनीष, अनामिका मेहता का पुत्र है, जो इन दिनों सूरत में केमिकल इंजीनियर बीटेक में अध्ययन रत है। देवल ने टीम को ई केमिकल कार बनाने का आइडिया दिया।
इस तरह लहरा दिया परचम…
भारतीय टीम ने दिसंबर में इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया था। देवल मेहता ने बताया उनके मन में कुछ बेहतर कर दिखाने की तमन्ना थी। केमिकल इंजीनियरिंग के सिद्धांतों का उपयोग कर कार चलाने का सोचा और इसमें सफलता मिल गई। टीम ने माइक्रोबियल ईंधन सेल आधारित कार बनाई और उन्हें प्रतियोगिता के दौरान दी गई दूरी के अनुसार इसे चलाने का टारगेट दिया गया था। टीम ने इसे बखूबी कर दिखाया, जिसे देख अमेरिका के केमिकल इंजीनियर भी दंग रह गए। टीम ने पहले राउरकेला (ओडिशा) में आयोजित राष्ट्रीय स्तर की ‘केम-ए-कार’ प्रतियोगिता में कार को 21 मीटर की दूरी तक चलाकर प्रथम स्थान प्राप्त किया। मुंबई में भी बेहतर प्रदर्शन किया।