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नगर निगम का विधि विभाग बना इंजीनियरिंग सेक्शन…!

कर्मचारियों को टॉर्चर करने के लग रहे आरोप

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अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:नगर निगम का विधि विभाग इन दिनों इंजीनियरिंग सेक्शन में तब्दील हो गया है। स्टाफ का आरोप है कि केवल और केवल इंजीनियरिंग सेक्शन से जुड़े मामलों को ही निपटाया जा रहा है। वहीं स्टाफ को कथित रूप से परेशान किया जा रहा है और कारण बताओ नोटिस/ निलंबित करने की कथित तौर पर धमकी दी जा रही है।

 

नगर निगम में विधि विभाग है। इस विभाग अंतर्गत काम करने वाले स्टाफ द्वारा निगम हित में निगम की संपत्तियों के न्यायालयीन मामलों, कर्मचारियों से संबंधित मामलों पर प्राथमिकता के साथ किया जाता है। इसके अलावा अन्य मामलों पर विधि अनुसार काम किया जाता है। ताकि निगम हित में जल्द से जल्द फैसले हो सकें और निगम का हितलाभ हो। विधि विभाग में चल रही खुसर-पुसर और अनौपचारिक चर्चा में स्टॉफ के बीच से लग रहे आरोप बता रहे हैं कि यहां सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है।

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स्टाफ स्वयं को कथित तौर पर मानसिक रूप से प्रताडि़त बताते हुए आरोप लगा रहा है कि जब से इस विभाग में सबइंजीनियर साधना चौधरी को निगमायुक्त ने पदस्थ किया है, तभी से विभाग में अन्य मामलों को एकतरफ रखते हुए इंजीनियर्स के मामलों को प्राथमिकता दी जा रही है।

विधि अधिकारी के रूप में इंजीनियर को पदस्थ करने के कारण पिछले तीन माह से अन्य मामले लंबित हो चले हैं। टाटा प्रोजेक्ट को उदाहरण देते हुए आरोप लग रहे हैं कि इस मामले में इंजीनियर्स को सबसे अधिक बचाने का काम किया जा रहा है। हालांकि इस मामले में आरोप लगाने वाले स्टाफ द्वारा कोई ठोस सबूत मीडिया को नहीं दिए गए।

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आवाज नहीं आ रही और फोन हो गया स्वीच ऑफ

इस संबंध में जब विधि विभाग की प्रभारी सब इंजीनियर साधना चौधरी से मोबाइल फोन पर चर्चा करना चाही तो उन्होने कहा कि आपकी आवाज नहीं आ रही है। इसके बाद उनके दोनों नम्बर स्वीच ऑफ हो गए।

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