शहर में सम्पत्तिकर जमा करवाने में मध्यमवर्गीय परिवार आगे

अप्रैल से अभी तक जमा हो गए 10 करोड़ 81 लाख रु.

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अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:शहर में सम्पत्ति कर जमा करवाने हेतु मध्यमवर्गीय परिवारों में जागरूकता तेजी से आई है। वे नगर निगम द्वारा दी जा रही छूट का लाभ भी ले रहे हैं वहीं घर-घर पहुंच रहे निगमकर्मियों से प्राप्त जानकारी अनुसार कर जमा करवा रहे हैं। नगर निगम के सम्पत्तिकर प्रभारी सुनिल जैन के अनुसार वर्षभर का करीब 75 करोड़ रूपए सम्पत्तिकर होता है नगर निगम सीमा में बने मकानों एवं व्यावसायिक संस्थानों से। पूर्व के वर्षो में वर्षभर में इसका 40 प्रतिशत भी जमा नहीं होता था।

इस वर्ष निगम अमला जब वार्डो तक पहुंचा और लोगों को जानकारी देकर सम्पत्ति कर जमा करवाने की प्रेरणा दी तो अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है। उन्होने बताया कि 01 अप्रेल से अभी तक निगम के सभी 6 झोनों में कुल 10 करोड़ 81 लाख रूपए जमा हो चुके हैं। लोगों द्वारा सम्पत्तिकर में दी जा रही छूट का लाभ सतत लिया जा रहा है।

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16 जून से 15 जुलाई तक 4 प्रतिशत

इसके बाद सम्पत्तिकर भरने आनेवाले को पूरा जमा करना होगा,कोई छूट नहीं मिलेगी। श्री जैन के अनुसार शहर में निगम में दर्ज नामांतरण के अनुसार 1 लाख 33 हजार 215 मकान हैं। अवैध कालोनियों से सम्पत्तिकर जमा नहीं होता है। नई कालोनी लांच होती है तो नगर निगम को हस्तांतरित होने के बाद उतने मकानों का नामांतरण हो जाता है,यह संख्या हर वर्ष बढ़ती है लेकिन आंकड़ा निश्चित नहीं रहता है। उन्होने बताया कि छोटी-बड़ी सम्पत्तियां मिलाकर नगर निगम को उक्त आंकड़े अनुसार प्रति वर्ष 75 करोड़ की आय सम्पत्तिकर से होना चाहिए।

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पीएम आवास योजना के हितग्राही भी हो गए हैं शामिल

श्री जैन ने बताया कि पूर्व में यह चर्चा चली थी कि पीएम आवास योजना के हितग्राहियों को सम्पत्तिकर जमा नहीं करना है। बाद में शासन ने स्थिति साफ कर दी थी। इन्हे भी सम्पत्तिकर जमा करना अनिवार्य है। इस वर्ष पूर्व के पीएम आवास योजना के मकान मालिकों को भी सम्पत्तिकर जमा करवाने को कहा गया है। इससे भी आय में वृद्धि होगी।

गत वर्ष इस कारण से प्रभावित हुई आय

गत वर्ष भोपाल से ही पोर्टल हेक होने के कारण प्रदेशभर सहित उज्जैन नगर पालिका निगम की सम्पत्तिकर की आय प्रभावित हुई। पोर्टल पर ऑन लाइन जानकारी के अभाव में जो मकान मालिक पुरानी रसीद लेकर आए या जिनका हिसाब मैन्युअली रजिस्टर में चढ़ा था,उनका सम्पतिकर जमा हो गया। अनेक लोग जानकारी के अभाव में बगैर जमा करवाए लौट गए। यह स्थिति पांच माह से अधिक रही। अब पोर्टल ने काम करना शुरू कर दिया है। बीते वर्षो में आय प्रभावित होने का एक अन्य कारण अमले की कमी होना है। साधारणतया हर वार्ड में सम्पत्तिकर के लिए एक कर्मचारी होना चाहिए। अभी एक-एक कर्मचारी के पास चार से पांच वार्ड हैं।

यह है छूट का स्लेब

01 अप्रेल से 15 मई तक 6 प्रतिशत(समय निकल गया)

16 मई से 15 जून तक 5 प्रतिशत (तीन दिन शेष हैं)

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