सबसे पहले भगवान महाकाल को बंधेंगी राखी
अक्षरविश्व न्यूज:उज्जैन। रक्षाबंधन पर्व 19 अगस्त को मनाया जाएगा। इस अवसर पर परंपरानुसार सबसे पहले भगवान महाकालेश्वर को राखी बांधेंगी। मंदिर में भगवान को हर वर्ष की तरह सवा लाख लड्डुओं का महाभोग लगाया जाएगा। उज्जैन में भगवान महाकाल के मंदिर में रक्षाबंधन पर्व मनाने के लिए विशेष तैयारियां की जा रही हैं। हर सतनात पर्व सबसे पहले भगवान महाकाल के मंदिर में मनाया जाता है।
इसी क्रम में महाकाल के दिव्य शृंगार के बाद बाद पुजारी परिवार की महिलाएं भगवान महाकाल को राखी बांधेगी। महाकाल मंदिर की पूजन परंपरा में श्रावण मास के दौरान भगवान महाकाल की भस्म आरती करने वाले पुजारी परिवार द्वारा भगवान महाकाल को सवा लाख लड्डू का महाभोग लगाया जाता है। इस बार पं.आशीष पुजारी के परिवार द्वारा भस्म आरती की जा रही है। उन्हीं के द्वारा भक्तों के सहयोग से भगवान को लड्डुओं का महाभोग लगाया जाएगा।
श्रावणी पूर्णिमा पर सोमवार के दिन श्रावण महापर्व का समापन होने जा रहा है। महाकाल मंदिर में इस उत्सव को खास बनाने के लिए विशेष तैयारी की जा रही है। रक्षाबंधन के दिन रविवार-सोमवार की दरमियानी रात 2.30 बजे भस्म आरती में उत्सव मनाया जाएगा। पुजारी भगवान महाकाल का पंचामृत व फलों के रस से महाअभिषेक करेंगे।
इसके बाद भगवान महाकाल को सवा लाख लड्डू का महाभोग लगाकर आरती की जाएगी। महाकाल मंदिर के पुजारी प्रदीप गुरु के अनुसार श्रावण में कई भक्त पूरे माह उपवास रखकर शिव उपासना करते हैं। श्रावण मास पूर्ण होने पर भगवान महाकाल का लड्डू प्रसाद ग्रहण करने के बाद ही व्रत को पूर्णता प्रदान की जाती है।
रक्षा बंधन पर भद्रा का साया
रक्षा बंधन का पर्व 19 अगस्त को मनाया जाएगा। इस वर्ष भी रक्षाबंधन पर भद्रा का साया रहेगा। भद्रा में राखी बांधना शुभ नहीं माना जाता है। 19 अगस्त को भद्रा के कारण राखी बांधने का मुहूर्त दोपहर में है। ज्योतिषाचार्यो के अनुसार इस साल राखी बांधने का शुभ मुहूर्त दोपहर डेढ़ बजे से रात 09.07 तक रहेगा। कुल मिलाकर शुभ मुहूर्त सात घंटे 37 मिनट का रहेगा। राखी बांधने का शुभ मुहूर्त आरंभ-दोपहर एक बजकर से 30 मिनिट से शुरु होकर रात नौ बजकर सात मिनिट तक रहेगा।