दो सीसीटीवी कैमरे के भरोसे बुकिंग विंडो की सुरक्षा

लूट की घटना के बाद जीआरपी ने सुबह और शाम की शिफ्ट में लगाई एक-एक जवान की ड्यूटी
रात में खत्म हो जाती है पैसेंजर की चहल-पहल
अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। रात 8 बजे का वक्त, जगह माधवनगर रेलवे स्टेशन का प्लेटफॉर्म नंबर 8, यह वही प्लेटफॉर्म है जहां ३ मई को शाम 7.30 बजे टिकट क्लर्क की आंखों में मिर्ची झौंककर एक बदमाश 35 हजार रुपए लूट कर ले गया था जो अब तक जीआरपी की गिरफ्त में नहीं आ सका है। गुरुवार शाम अक्षरविश्व की टीम सुरक्षा का जायजा लेने के लिए ठीक उसी समय माधवनगर रेलवे स्टेशन पहुंची जिस वक्त लूट की वारदात हुई थी।
यहां बुकिंग विंडो पर केवल एक कर्मचारी था जो यात्रियों के टिकट बना रहा था और ट्रेन की जानकारी भी दे रहा था। इस बीच कुछ यात्री प्लेटफॉर्म से बाहर निकल रहे थे तो कुछ फुट ओवरब्रिज से होकर ट्रेन पकडऩे के लिए अपने-अपने प्लेटफॉर्म की ओर जा रहे थे। करीब 15 मिनट बाद 7.45 बजे से धीरे-धीरे पैसेंजर्स की चहल-पहल खत्म होने लगी और कुछ ही मिनटों में सन्नाटा पसर गया। दो लोग बुकिंग विंडो के सामने जमीन पर लेटे थे जिन्हें नींद ने अपनी आगोश में ले लिया है, वहीं बाहर की ओर कुछ ऑटो खड़े हैं जिनमें संभवत: चालक बैठे थे।
बुकिंग विंडो के कर्मचारी ने पूछने पर बताया कि ऐसे तो पूरे रेलवे स्टेशन पर कई कैमरे लगे हैं लेकिन यहां विंडो परिसर में सुरक्षा के लिए महज दो सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। इसी में से एक में लूट की घटना रिकॉर्ड हुई थी। इस वारदात के बाद जीआरपी ने दो जवानों को सुबह और शाम की शिफ्ट में तैनात किया है लेकिन इस दौरान जवान कहीं नजर नहीं आया। वैसे माधवनगर रेलवे स्टेशन हर लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है। यहां से नया शहर कनेक्ट होता है लेकिन बावजूद इसके सुरक्षा के इंतजाम नाकाफी हैं।
रा त के 8 बजते ही माधवनगर रेलवे स्टेशन का प्लेटफॉर्म नंबर 8 पर सन्नाटा पसर गया। इक्का-दुक्का लोग ही नजर आ रहे थे। इसके अलावा फुट ओवरब्रिज पर भी कोई नजर नहीं आया। ऐसे में यदि कोई बदमाश यहां वारदात को आसानी से अंजाम देकर निकल सकता है। पहले जीआरपी थाना प्लेटफॉर्म नंबर 1 पर था जो अब लोति कॉलेज के सामने नए भवन में शिफ्ट हो चुका है, वहीं आरपीएफ थाना आरएमएस ऑफिस के समीप है।
दो शिफ्ट में दो जवानों की ड्यूटी
3 मई को हुई लूट की घटना के बाद जीआरपी की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो गए हैं। इसके बाद यहां ताबड़तोड़ सुबह 8 से शाम 4 और शाम 4 से रात 12 बजे की शिफ्ट में एक-एक जवान तैनात किया गया है लेकिन अक्षरविश्व की टीम जब पहुंची तो जवान नजर नहीं आया। पूछने पर बुकिंग विंडो के कर्मचारी ने बताया आज वह नहीं आए। इसके अलावा विंडो परिसर में केवल दो ही सीसीटीवी कैमरे लगे हैं जो नाकाफी हैं।
जिस दरवाजे से लुटेरे ने मारी एंट्री वह बेहद कमजोर
दरअसल, टिकट विंडो का दरवाजा खुला रहता है क्योंकि कर्मचारियों का आना-जाना लगा रहता है। लकड़ी का यह दरवाजा काफी पुराना और कमजोर है जिसे कोई भी आसानी से तोड़ सकता है। ऐसे में सुरक्षा के लिहाज से यह भी एक कमजोर कड़ी है जिसे तुरंत बदला जाना चाहिए क्योंकि टिकट से आने वाला कैश यहीं रखा होता है। कमजोर सुरक्षा से ऐसी घटना फिर होने से इंकार नहीं किया जा सकता।
इधर, लुटेरा गिरफ्त से दूर
3 मई को प्लेटफॉर्म 8 के काउंटर नंबर 10 पर कैश गिन रहे सीसीटीसी (कमर्शियल कम टिकट क्लर्क) यशित सोनकर की आंखों में मिर्ची झौंककर लुटेरा 500 के 70 नोट यानी 35 हजार रुपए लूट ले गया था। इस घटना को छह दिन हो चुके हैं लेकिन अब तक जीआरपी उसे पकड़ नहीं सकी है। उस पर पांच हजार रुपए का इनाम भी घोषित किया गया है। पुलिस का कहना है फुटेज के आधार पर तलाश की जा रही है।
लूट की वारदात को अंजाम देने वाला बदमाश अब तक पकड़ में नहीं आ सका है। फुटेज के आधार की उसकी सरगर्मी से तलाश की जा रही है। वहीं सुरक्षा के लिहाज से सभी रेलवे प्लेटफॉर्म पर जवान तैनात रहते हैं।
-सोहनलाल पाटीदार, टीआई, जीआरपी