40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर तापमान बिना एसी के चरक में हो रहे ऑपरेशन

इंचार्ज ने कहा- कई बार लेटर लिख चुके नहीं हो रहा सुधार कार्य

अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। यह अफसरों की अनदेखी है या आधी अधूरी तैयारी के बीच अस्पताल की शिफ्टिंग यह तो कोई नहीं जानता लेकिन आश्चर्यजनक बात तो यह है कि बिना एसी के ऑपरेशन थियेटर में महीनों से मरीजों के मेजर और माइनर ऑपरेशन हो रहे हैं। हम बात कर रहे हैं जिले के सबसे बड़े चरक अस्पताल की। ऐसा नहीं कि शासन ने अस्पताल में एसी नहीं लगवाए हैं, लेकिन मेंटेनेंस के अभाव में सभी एसी बंद पड़े हैं।

यह हालात हैं चरक अस्पताल के
चरक अस्पताल में कुल 48 एसी लगे हैं। यह सभी सेंट्रलाइज हैं। इनका उपयोग आईसीयू, एनआईसीयू, ऑपरेशन थियेटर में होता है। वर्तमान में सभी एसी बंद पड़े हैं। जबकि गंभीर मरीजों को आईसीयू में भर्ती कर उपचार दिया जाता है। वहीं ऑपरेशन थियेटर को वातानुकूलित होना अनिवार्य है।

सामान्य व्यक्ति का बैठना भी मुश्किल
ऑपरेशन थियेटर संगीता भलासरे पिछले 15 दिनों से अवकाश पर थीं और उनसे मंगलवार को चार्ज वापस लिया। उनके स्थान पर ऑपरेशन थियेटर इंचार्ज का काम अमिता गांगुली संभाल रही थीं। इन्होंने बताया कि ऑपरेशन थियेटर के एसी बंद होने के संबंध में महीनों पहले सिविल सर्जन को पत्र लिखकर अवगत करा चुके थे। इसके बाद रिमांडर भी भेजे लेकिन एसी ठीक कराने की कोई कार्रवाई नहीं हुई है। जब से जिला चिकित्सालय के ऑपरेशन थियेटर को चरक अस्पताल में शिफ्ट किया है तभी से एसी बंद हैं। मेजर हो या माइनर सभी प्रकार के ऑपरेशन ऐसी ही परिस्थिति में किए जा रहे हैं। वर्तमान स्थिति यह है कि यहां मरीज तो ठीक स्वस्थ व्यक्ति का बैठना भी मुश्किल है।

ऑपरेशन थियेटर के यह है नियम….

ऑपरेशन थियेटर में संक्रमण को प्रभावी रूप से नियंत्रित करने के लिए अच्छा एयर वेंटीलेशन एक अभिन्न अंग है, लेकिन जहां हवा का संचार बनाए रखना महत्वपूर्ण है, वहीं यह सुनिश्चित करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है कि हवा का तापमान और आर्द्रता न्यूनतम हो।

तापमान और आर्द्रता इसलिए जरूरी

तापमान और आर्द्रता का स्तर सही बने रहने के लिए महत्वपूर्ण आवश्यकताएं हैं-

1. नमी के स्तर से बचने के लिए जो एनेस्थेटिक के साथ जोखिम पैदा कर सकता है।

2. यह सुनिश्चित करना कि ऑपरेशन थियेटर का स्टाफ आराम से और कुशलतापूर्वक काम कर सके।

3. सबसे महत्वपूर्ण बात यह सुनिश्चित करना है कि मरीज इतना ठंडा न हो कि उसे हाइपोथर्मिया या हृदय अतालता विकसित होने का खतरा हो, लेकिन इतना गर्म भी न हो कि उसे तापजन्य तनाव का अनुभव हो।

4. स्टाफ और मरीज दोनों ही गहन, उच्च दबाव वाला काम करेगा, जबकि मरीज बेहद कमज़ोर स्थिति में होगा। इसलिए ऑपरेटिंग थिएटर में तापमान और आर्द्रता बिल्कुल सही होनी चाहिए।

हम सुधार कार्य करवा रहे हैं : सिविल सर्जन

आईसीयू, एनआईसीयू, ऑपरेशन थियेटर के एसी बंद होने के संबंध में सिविल सर्जन डॉ. अजय दिवाकर ने बताया कि पूर्व सिविल सर्जन द्वारा इसका ध्यान नहीं रखा गया। लोकल मैकेनिक से एसी सुधरवाए जिसका भुगतान भी आज तक नहीं हुआ। चरक अस्पताल में कुल 48 एसी हैं। वॉल्टास कंपनी के एसी को कंपनी के मैकेनिक से ही ठीक करा रहे हैं। कंपनी द्वारा सारे एसी ठीक करने के बाद सार्टिफिकेट भी दिया जाएगा। इसका काम अभी चल रहा है।

ऑपरेशन थियेटर के यह हैं निर्देश

एसोसिएशन फॉर पेरिऑपरेटिव प्रैक्टिस (एएफपीपी) और नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ एंड केयर एक्सीलेंस (एनआईसीई) दोनों ने ऑपरेटिंग थिएटरों में तापमान और आर्द्रता नियंत्रण के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं जिसके अनुसार तापमान 18 से 25 डिग्री सेल्सियस के बीच बनाए रखा जाना चाहिए, रोगी और प्रक्रिया के आधार पर इस सीमा के भीतर बदलाव किया जाना चाहिए। सापेक्ष आर्द्रता 50 प्रतिशत होनी चाहिए, ताकि लंबे समय तक काम करने की स्थिति संतोषजनक बनी रहे और एनेस्थेटिक संबंधी समस्याओं का कोई खतरा न हो। एनआईसीई ने यह भी बताया है कि थिएटर स्टाफ को ऑपरेशन के दौरान हर 30 मिनट में मरीज का तापमान मापना चाहिए।

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