सनातन धर्म में शंख को बेहद शुभ माना जाता है। शंख की ध्वनि से नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह कम हो जाता है और सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है। शंख को बुध ग्रह का प्रतीक माना जाता है। मान्यता के मुताबिक शंख बजाने से कुंडली में बुध ग्रह की स्थिति मजबूत होती है। साथ ही व्यक्ति की बुद्धि, ज्ञान, वाणी और स्मरण शक्ति में वृद्धि होती है।
सोमवार- सोमवार का दिन भगवान शिव और चंद्र ग्रह को समर्पित होता है। सोमवार के दिन शंख में दूध भरकर भगवान शंकर को अर्घ्य देना चाहिए। इस उपाय को करने से चंद्रमा मजबूत होता है। इस उपाय को करने से मन शांत होता है।
मंगलवार- मंगलवार का दिन भगवान हनुमान और मंगल ग्रह को समर्पित होता है। इस दिन सूर्योदय से पहले शंख बजाना चाहिए। इससे मंगल ग्रह मजबूत होता है और व्यक्ति के साहस व पराक्रम में वृद्धि होती है।
बुधवार- का दिन भगवान गणेश और बुध ग्रह को समर्पित होता है। बुधवार के दिन शंख में गंगाजल भरकर भगवान गणेश को देना चाहिए। इससे बुद्धि और वाणी में वृद्धि होती है।
गुरुवार- गुरुवार का दिन भगवान विष्णु और बृहस्पति ग्रह को समर्पित होता है। इस दिन शंख में केसर और चंदन मिलाकर जल भरकर श्रीहरि विष्णु को अर्घ्य देना चाहिए। ऐसा करने से गुरु ग्रह मजबूत होता है और व्यक्ति के ज्ञान-समृद्धि में वृद्धि होती है।
शुक्रवार- माँ लक्ष्मी और शुक्र ग्रह को शुक्रवार का दिन समर्पित होता है। इस दिन गोपी चंदन और इत्र मिलाकर शंख में जल भरकर माँ लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए। इससे शुक्र ग्रह मजबूत होता है और जातक को धन-वैभव और सुख-सुविधाओं में वृद्धि होती है।
शनिवार- शनिवार का दिन शनि देव और शनि ग्रह माना जाता है। शनिवार के दिन शनिदेव की छाया में बैठकर शंख बजाने से शनि ग्रह शांत होता है और जातकों को कष्टों से मुक्ति मिलती है।
रविवार –रविवार का दिन सूर्य देव का माना जाता है। वहीं सूर्योदय से पहले शंख बजाने से कुंडली में सूर्य ग्रह कमजोर होता है और व्यक्ति आरोग्य, यश और कीर्ति में वृद्धि होती है।