आज महाशिवरात्रि है। देशभर के सभी 12 ज्योतिर्लिगों में दर्शन का खास महत्व है। लेकिन, कोरोना के चलते मंदिरों में कई तरह की पाबंदियां भी हैं।
ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में महाशिवरात्रि का उल्लास छाया हुआ है। गुरुवार तड़के भगवान का अभिषेक और भस्मारती के बाद सुबह 5 बजे से दर्शन का सिलसिला शुरू हो गया है। भक्त शुक्रवार सुबह 10 बजे तक भगवान के सतत दर्शन कर सकेंगे। भगवान की एक झलक पाने के लिए मध्यरात्रि 3 बजे से ही कतार लगाना शुरू हो गई थी।
करीब एक लाख श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। मंदिर की परंपरा अनुसार बुधवार-गुरुवार की दरमियानी रात 2.30 बजे मंदिर के पट खुले। इसके बाद पुजारियों ने अभिषेक और भस्मारती की। सुबह 5 बजे से दर्शन का क्रम शुरू हुआ। दोपहर 12 बजे तहसील की ओर से शासकीय पूजा होगी। शाम 4 बजे पुजारी होल्कर व सिंधिया स्टेट की ओर से पूजा करेंगे। इसके बाद संध्या आरती में भगवान को मीठे गरम दूध का भोग लगाया जाएगा।
रात्रि 11 बजे भगवान महाकाल का महाअभिषेक किया जाएगा। इसमें दूध, दही, खंडसारी, शहद, घी, पांच प्रकार के फलों का रस, गन्न्े का रस, गंगाजल, गुलाब जल, भांग आदि सामग्री के साथ केसर मिश्रित दूध से अभिषेक किया जाएगा। पश्चात वैदिक मंत्रों के साथ पूजा अर्चना होगी।
अभिषेक पूजन के बाद भगवान को नए वस्त्र तथा सप्तधान मुखारविंद धारण कराया जाएगा। भगवान को चावल,मूंग, तिल, मसूर, गेहूं, जौ, साल, उड़द आदि सप्तधान अर्पित किए जाएंगे। इसके बाद तड़के 4 बजे पुजारी सवा मन फल, फूल ,बिल्वपत्र व आंकड़े से बना सेहरा सजा कर आरती करेंगे। शुक्रवार सुबह 10 बजे तक महाकाल के सेहरा दर्शन होंगे।
पश्चात सेहरा उतारा जाएगा। शुक्रवार दोपहर 12 बजे साल में एक बार दिन में होने वाली भस्मारती होगी। इसके आधा घंटा बाद भोग आरती होगी। इसके साथ ही महाशिवरात्रि पर्व संपन्न् होगा। पश्चात मंदिर समिति द्वारा पुजारियों को भोजन कराकर दक्षिणा भेंट की जाएगी।