नए साल का पहला दिन बुधवार, चमकेगा चिंतामन का दरबार

मंदिर प्रबंधन तैयारी में जुटा, 1100 अथर्वशीर्ष पाठ की भी तैयारी

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अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। नया साल 2025 अगले माह से आरंभ हुआ। पहला दिन बुधवार होने से उज्जैन के चिंतामन गणेश मंदिर में दर्शनार्थी अधिक संख्या में आने की संभावना है। इस कारण मंदिर प्रबंधन तैयारियों में जुट गया है। पूरे मंदिर को आकर्षक रोशनी से सजाया जाएगा। साल के पहले दिन 1100 अथर्वशीर्ष पाठ कराने की भी तैयारी की जा रही है।

अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से नया साल जनवरी से शुरू होता है,लेकिन नए साल के पहले दिन महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के साथ देवी देवताओं के दर्शन का क्रेज भी बढ़ा है। इस बार 1 जनवरी को बुधवार होने से लोग उज्जैन के चिंतामन गणेश मंदिर भी बड़ी संख्या में आएंगे। बुधवार भगवान गणेश का दिन माना जाता है। इस दिन को शुभ माना जाता है और नए कार्य इसी दिन किए जाते हैं। संयोग से बुधवार से ही साल 2025 की शुरुआत होने जा रही है। मंदिर प्रशासक अभिषेक शर्मा ने बताया 1 जनवरी को मंदिर में दर्शनार्थियों की व्यवस्था के लिए बैरिकेडिंग कराई जाएगी। पूरे मंदिर पर आकर्षक विद्युत रोशनी कराई जाएगी। धार्मिक अनुष्ठान भी कराए जाएंगे।

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यह भी जानिए

पहले: 2020 का आरंभ बुधवार से हुआ था।

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अब आगे: साल 2028 भी बुधवार से आरंभ होगा। उज्जैन में यह सिंहस्थ वर्ष भी है।

चार शुभयोग का दुर्लभ संयोग: नए साल में चार शुभ योगों का दुर्लभ संयोग भी होगा। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार हर्षण योग, शिववास योग, बालव और कौलव योग का शुभ संयोग बन रहा है। इसलिए भी साल 2025 का इंतजार किया जा रहा है।

4 हजार साल पहले हुई शुरुआत…

नया साल आज से लगभग चार हजार वर्ष पहले बेबीलोन में मनाया गया था।

1 जनवरी को मनाया जाने वाला नया वर्ष ग्रेगोरियन कैलेंडर पर आधारित है। इसकी शुरुआत रोमन कैलेंडर से हुई है।

 पारंपरिक रोमन कैलेंडर का नया वर्ष 1 मार्च से शुरू होता है।

लेकिन रोमन के प्रसिद्ध सम्राट जूलियस सीजर ने 46 वर्ष ईसा पूर्व में इस कैलेंडर में परिवर्तन किया था।

उन्होंने जुलाई का महीना और इसके बाद भतीजे के नाम पर अगस्त महीना जोड़ दिया।

दुनियाभर में तब से लेकर आज तक नया साल 1 जनवरी को मनाया जाता है।

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