नृसिंहघाट ब्रिज के नीचे शिप्रा में नहा रहा युवक डूबा

नदी पार की लेकिन वापस लौटते समय सांस फूलने से बीच में ही रह गया
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अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:इंदौर से भाई व बच्चों के साथ उज्जैन दर्शन करने आया युवक रात 9 बजे नृसिंहघाट ब्रिज के पास नदी में नहा रहा था और तैरते हुए नदी पार करने के बाद वापस लौट रहा था लेकिन बीच में ही रह गया। पुलिस ने मर्ग कायम कर शव की तलाश शुरू कराई है।शुभम कुशवाह पिता प्रेमकुमार 28 वर्ष निवासी बाणगंगा इंदौर अपने भाई रवि कुशवाह, भांजा राज, भतीजा प्रतीक सहित 8 लोगों के साथ उज्जैन दर्शन करने कार से आया था।
उक्त लोग रात 9 बजे नृसिंहघाट ब्रिज के पास नदी में नहा रहे थे तभी शुभम कुशवाह तैरते हुए नदी पार कर दूसरी ओर चला गया। उसके भांजे राज ने बताया कि मामा अच्छे तैराक थे और दूसरी तरफ से तैरते हुए लौटते समय अचानक बीच नदी में डूब गये। इसकी सूचना पुलिस व तैराकों को दी। रात में तैराकों ने नदी से शव की तलाश शुरू की लेकिन शव नहीं मिला। सुबह फिर से तैराकों द्वारा नदी में गोते लगाकर शव की तलाश शुरू की। वहीं एसडीआरएफ के दो जवान नाव में बैठकर बलिया नदी में डालकर शव की खोज कर रहे थे।
एसडीआरएफ का काम कर रहे तैराक दल के लोग
भूखी माता से लेकर सुनहरी घाट तक एसडीआरएफ के 8 जवान 24 घंटे ड्यूटी करते हैं। इनका काम गहरे पानी में तैरने वालों को रोकना, गलती से गहरे पानी में डूबते लोगों को बचाना है। होमगार्ड विभाग द्वारा उक्त जवानों को इसकी ट्रेनिंग भी दी गई है, लेकिन सुबह इंदौर के युवक का नदी के गहरे पानी में शव खोजते समय अलग ही नजारा देखने को मिला।
एसडीआरएफ के जवान घाट के किनारे छांव में बैठे थे, जबकि शिप्रा तैराक दल के दीपक कहार, बड़ा हुकुम कहार, करण कहार, नाना कहार, अन्ना कहार, अर्जुन, गोलू और लियाकत खान बीच नदी में गोते लगाकर शुभम के शव की तलाश कर रहे थे। एसडीआरएफ के दो जवानों में से एक मोटर बोट चला रहा था और दूसरा रस्सी से बलिया बांधकर बोट में बैठे-बैठे शव की खोज कर रहा था। एक जवान ट्यूब की मदद से नदी में तैरता जरूर नजर आया। लोगों का कहना था कि एसडीआरएफ के इन जवानों को कैसी ट्रेनिंग दी गई है जो नदी में गोते लगाना तो दूर घाट पर बैठकर तमाशा देख रहे हैं।