उज्जैन में प्रायवेट हॉस्पिटल्स का नया ट्रेंड सामने आया…

मरीज की स्थिति अच्छी है तो उपचार करो खराब लगे तो माधवनगर अस्पताल भेजो

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अब प्रशासन करेगा रेफरल ऑडिट…

अन्य अस्पतालों से रैफर होकर आए 9 मरीजों की एक ही रात में माधवनगर अस्पताल में मौत, एक महिला तो केवल 20 मिनट का समय ही अस्पताल में निकाल सकी…

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उज्जैन। कलेक्टर और सीएमएचओ को अब इस बात का ऑडिट करना चाहिए कि माधवनगर हॉस्पिटल में भर्ती होने वाले मरीजों की मृत्यु की बीमारी के अलावा क्या कारण है? इसलिए क्योंकि कल माधवनगर अस्पताल में 9 मौतें हुई। ये सभी गंभीर रूप से बीमार थे। इनमें से तकरीबन सभी वे मरीज थे जिनका उपचार किसी अन्य जगह चल रहा था। अंतिम समय में उपचार के लिए माधवनगर अस्पताल लाया गया और यहां उनकी मौत हो गई।

ये मौतें होना स्वाभाविक थी लेकिन आंकड़े माधवनगर अस्पताल के खाते में डल गए। कल चेरीटेबल हॉस्पिटल से एक गंभीर रूप से बीमार महिला को माधवनगर अस्पताल में भर्ती किया गया। महिला की हालत इतनी गंभीर थी कि वह यहां भर्ती की प्रोसेस होने के बाद केवल 20 मिनिट जींदा रही। अन्य 8 मौतों में भी यही कारण रहा कि गंभीर स्थिति होने तथा बचने की उम्मीद कम होने पर जहां उपचार चल रहा था,वहां से माधवनगर अस्पताल भेज दिया गया।

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यहां उपचार के दौरान मौत हो गई। इस मामले में माधवनगर हॉस्पिटल का स्टॉफ खफा है। उनके अनुसार मेहनत करने के बाद सफलता खाते में आती है और इसप्रकार के मामलों में हॉस्पिटल फिर से रांग बॉक्स में आ जाता है। कल भी यही हुआ, डॉक्टर्स का कहना था कि कलेक्टर और सीएमएचओ को एक्शन लेना होगा कि प्रायवेट हॉस्पिटल्स आखिर समय तक रूपये लेते रहते हैं, उपचार करते रहते हैं। अंत समय आता है तो मृत्यु के आंकड़े अपने खाते में डालने की जगह माधवनगर अस्पताल के खाते में डाल देेते हैं। ज्ञात रहे आज सुबह तक मौतों का ऑडिट होता रहा।

सीएमएचओ तथा कलेक्टर को कराएंगे अवगत

माधवनगर अस्पताल के प्रभारी डॉ.विक्रम रघुवंशी के अनुसार कल हुई मौतों में सभी मामले गंभीर मरीजों के थे। आंकड़ा अधिक रहा लेकिन हम कुछ नहीं कर सकते हैं। हमारे यहां कहीं से भी अंतिम अवस्था में मरीज को रैफर कर दिया जाता है। चूंकि शासकीय हॉस्पिटल है, ऐसे में हम इंकार नहीं कर पाते हैं और मौतें हमारे खाते जुड़ जाती है। इससे हमारे स्टॉफ की मेहनत पर पानी फिरता है तथा ट्रेक रिकार्ड खराब होता है। कल चेरीटेबल हॉस्पिटल से रैफर एक महिला तो हमारे यहां भर्ती होने के बाद केवल 20 मिनिट जींदा रही। हम इस बारे में सीएमएचओ तथा कलेक्टर को अवगत कराएंगे।

आज आ रहे हैं पांच गंभीर मरीज
डॉ.रघुवंशी ने बताया कि आज सुबह से 11 बजे तक पांच मरीजों को यहां रैफर करने के फोन आ चुके हैं। पांचों गंभीर है। हमारी विवशता है कि हम मना नहीं कर सकते। सभी को हां कह दी है।

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