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दावे-आपत्ति के बाद भी बढ़ती है दरें

मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग की जनसुनवाई

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अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन बिजली दरें बढ़ाने के पहले हर साल की तरह जनसुनवाई होने वाली है। जनसुनवाई औपचारिकता महज रस्म अदायगी है। दरअसल दावे-आपत्ति के बाद भी विद्युत कंपनी दरें बढ़ा ही देती है।

मप्र में बिजली की दर को बढ़ाने के लिए प्रस्ताव दिया गया है। बिजली कंपनी औसत 3.86 प्रतिशत बिजली का दाम बढ़ाना चाहती है। 29 जनवरी को जबलपुर, 30 को इंदौर और 31 को भोपाल में जनसुनवाई होगी। मप्र विद्युत नियामक आयोग जनसुनवाई ऑनलाइन यह जनसुनवाई होगी। जिसके लिए दावे,आपत्ति और सुझाव आते हैं,इसके बाद भी आयोग दो करोड़ बिजली उपभोक्ताओं के उपयोग में आने वाली बिजली के दाम तय कर देता है।

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हर साल एक परंपरागत तरीके से सुनवाई होती है: आपत्तिकर्ता और सुनवाई करने वाले लोग सब वहीं के वही हैं और बिजली महंगी हो जाती है। इस मामले का एक पहलू यह भी है कि वर्ष 2000 में जनसुनवाई प्रारंभ करवाई थी। 2020 में कोरोना संक्रमण के बाद से ऑनलाइन जनसुनवाई का दौर प्रारंभ हो गया।

प्रक्रिया को महज खानापूर्ति मानते हैं

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ऑनलाइन जनसुनवाई होने से आपत्तिकर्ता इस प्रक्रिया को महज खानापूर्ति मानते हैं। बता दें कि कोरोना के बाद से आनलाइन जनसुनवाई की प्रक्रिया प्रारंभ हुई थी। समय के साथ हालात अब सामान्य हो चुके हैं, लेकिन मप्र विद्युत नियामक आयोग की जनसुनवाई ऑनलाइन मोड में ही जारी है। वहीं बिजली मामलों के जानकार और पूर्व अतिरिक्त मुख्य अभियंता राजेंद्र अग्रवाल ने कहा कि बिजली दरें बढ़ाने की सुनवाई कई वर्षों से सिर्फ औपचारिकता भर रह गई है। प्रत्यक्ष व्यवस्था के जरिए सुनवाई होनी चाहिए।

2040 करोड़ का घाटा बताया

2046 करोड़ रु. के घाटे की भरपाई के लिए बिजली कंपनी ने अगले वित्तीय वर्ष में बिजली दरों में 3.86 प्रतिशत की बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा है। इस पर आपत्ति बुलाने के लिए विद्युत नियामक आयोग ने अलग-अलग तारीख तय की है। इंदौर में ऑनलाइन सुनवाई 3० जनवरी को होगी। इस आपत्ति और सुनवाई को लेकर शहर के ज्यादातर उपभोक्ता रुचि नहीं लेते। हालत यह है कि हर साल औसतन सिर्फ 20 उपभोक्ता ही आपत्ति दर्ज कराते हैं।

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