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रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ तो परीक्षा फार्म अस्वीकार होगा

कॉलेजों में डिजी लॉकर की अनिवार्यता, उच्च शिक्षा विभाग ने जारी किए आदेश

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अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन कॉलेजों में उच्च शिक्षा के लिए प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों की अंकसूची डिजी लॉकर में रखने की अनिवार्यता कर दी गई है। इसके लिए विद्यार्थी ने रजिस्ट्रेशन नहीं कराया तो परीक्षा फार्म स्वीकार नहीं होगा। पंजीयन और प्रक्रिया के लिए कॉलेज नोडल अधिकारी तय किए गए है।

उच्च शिक्षा विभाग ने डिजी लॉकर लेकर आदेश जारी किया है। आदेश में विभाग ने कहा है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत प्रदेश के सभी नियमित और स्वाध्यायी विद्यार्थियों का रजिस्ट्रेशन अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट (एबीसी) में किया जाना है। इसके बाद इन विद्यार्थियों की अंकसूची डिजी लॉकर में अपलोड हो सकेगी। सभी विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों, निजी विश्वविद्यालयों के सचिव और सभी कॉलेज के प्राचार्यों को जारी निर्देश में कहा गया है कि स्टूडेंट्स की एबीसी आईडी बनाने के लिए अपने संस्थान में नोडल अधिकारियों की नियुक्ति करें।

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इस काम को समय सीमा में पूरा कराएं। विभाग ने स्पष्ट किया है कि किसी भी संकाय से डिग्री लेने वाले विद्यार्थियों के परीक्षा फार्म तभी स्वीकार किए जाएंगे जब वे अकादमिक बैंक ऑफ के्रडिट (एबीसी ) में रजिस्टर्ड होंगे। ऐसा नहीं होने पर फार्म स्वीकार नहीं किए जाएंगे। कॉलेज किसी विद्यार्थी का पंजीयन हुए बगैर विश्वविद्यालय को परीक्षा फार्म नहीं भेज सकेगा। विश्वविद्यालय एबीसी रजिस्ट्रेशन बगैर भरे फार्म स्वीकार नहीं करेगा। इसके लिए अप्रत्यक्ष रूप से छात्र भी जिम्मेदार माने जाएंगे। साथ ही नोडल अधिकारी भी इसके लिए जिम्मेदार होंगे।

स्टूडेंट्स को खुद क्रिएट करनी होगी आईडी

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उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जारी निर्देश में कहा गया है कि कॉलेज और विश्वविद्यालयों द्वारा नियुक्त किए गए नोडल अधिकारियों की जिम्मेदारी होगी कि पीपीटी प्रजेंटेशन के जरिये विद्यार्थियों को एबीसी में रजिस्ट्रेशन कर उनकी आईडी बनवाने का काम करेंगे। आईडी बनाने के बाद इसका वेरिफिकेशन करना कॉलेज की जिम्मेदारी होगी। विभाग ने स्पष्ट किया है कि यह कार्य 31 मार्च 2024 के पहले कराना होगा ताकि आगामी परीक्षा परिणामों के बाद विद्यार्थियों को दी जाने वाली अंकसूची डिजी लॉकर में रखी जा सके।

रजिस्ट्रेशन यह फायदे

एक बार अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट में रजिस्ट्रेशन होने के बाद विद्यार्थी को कोई कागज लेकर नहीं चलना पड़ेगा।

प्रतियोगी परीक्षा के लिए फार्म भरा जाएगा तो उसमें अंकसूची नहीं लगानी होगी। सिर्फ एबीसी की जानकारी देना होगी।

दूसरे राज्यों में पढऩे जाना हो तो वहां भी संबंधित विश्वविद्यालय में अलग से अंकसूची नहीं ले जाना पड़ेगी। सिर्फ एबीसी रजिस्ट्रेशन बताना होगा। इसके बाद डिजी लॉकर से सीधे जानकारी ले ली जाएगी।

अंकसूची का सत्यापन कराने के लिए किसी अधिकारी के पास नहीं जाना पड़ेगा। डिजी लॉकर में अंकसूची होना ही सत्यापन माना जाएगा।

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