उज्जैन संसदीय क्षेत्र का बदलेगा नाम..!
दो जिले मिलकर उज्जैन-नागदा होगा
अक्षरविश्व न्यूज . उज्जैन:नागदा-खाचरौद को उज्जैन जिले से अलग कर रतलाम जिले की दो तहसीलों को मिलाकर नागदा को जिला बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
नागदा के जिले के तौर पर अस्तित्व में आने के बाद उज्जैन संसदीय क्षेत्र का नाम उज्जैन-आलोट से उज्जैन-नागदा हो जाएगा। इसके लिए शासन की ओर से विधिवत सूचना एवं प्रस्ताव भारत निर्वाचन आयोग को भेजना होगा।
भारत निर्वाचन आयोग के रिकॉर्ड में वर्तमान उज्जैन संसदीय क्षेत्र का नाम उज्जैन-आलोट संसदीय क्षेत्र है। इसमें उज्जैन जिले की सात विधानसभा के अलावा रतलाम जिले की आलोट तहसील और विधानसभा भी शामिल है।
राज्य सरकार द्वारा नागदा को जिला बनाया जा रहा है। इसमें उज्जैन से नागदा और खाचरौद तथा रतलाम जिले से आलोट और ताल को अलग कर नया जिला बनाया जाएगा।
वर्तमान में आलोट उज्जैन संसदीय क्षेत्र का हिस्सा है लेकिन विधानसभा क्षेत्र रतलाम जिले में आता है। नया जिला बनने के बाद आलोट नागदा जिले में शामिल होगा। उज्जैन-नागदा जिले उज्जैन संसदीय क्षेत्र के हिस्से होंगे। ऐसे में संसदीय क्षेत्र का नाम भी परिवर्तित होगा। राजनीतिक जानकारों के अनुसार संसदीय क्षेत्र का नाम उज्जैन-नागदा किया जाएगा।
प्रशासनिक विशेषज्ञों के अनुसार मप्र के विधानसभा चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव के पहले नागदा जिला अस्तित्व में आता है तो राज्य सरकार द्वारा इसकी सूचना भारत निर्वाचन आयोग को भेजनी होगी। इसके बाद संसदीय क्षेत्र का नाम बदल जाएगा।