उज्जैन:CHL बिकने के बाद नए प्रबंधन के समक्ष नई चुनौती…डॉक्टर्स कर रहे नए अनुबंध से इंकार

चैरिटेबल ट्रस्ट कर रहा डेमेज कंट्रोल की तमाम कोशिश

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उज्जैन। सीएचएल मेडिकल सेंटर, उज्जैन को उज्जैन चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा खरीदे जाने और गत सप्ताह ट्रस्ट के प्रमुख डॉ. वी.के.महाडिक द्वारा सीएचएल के वर्तमान स्टॉफ एवं डॉक्टर्स की दो बैठकें लेने के बाद भी वर्तमान स्टॉफ के मन से संशय के बादल नहीं छंटे हैं। वे कतिपय बातों को लेकर जहां आशंकित हैं वहीं उन्होने नए प्रबंधन के साथ नया अनुबंध करने से फिलहाल इंकार कर दिया है। अनेक डॉक्टर्स अब रूको और देखो की नीति अपना रहे हैं। वहीं नया प्रबंधन डेमेज कंट्रोल में जुट गया है।

31 मार्च तक सीएचएल मेडिकल सेंटर, उज्जैन से जुड़े डॉक्टर्स एवं अन्य स्टॉफ द्वारा पूर्व में किए गए अनुबंध अनुसार ही काम किया जाएगा। 31 मार्च को हैंड ओवर, टेक ओवर के बाद 1 अप्रैल से नए प्रबंधन द्वारा संचालन किया जाएगा। इसके लिए नया प्रबंधन दो तरफा तैयारी में जुटा है। सूत्रों के अनुसार ट्रस्ट की ओर से डॉ.महाडिक द्वारा पूरे स्टॉफ एवं डॉक्टर्स को विश्वास में लिया जा रहा है। वहीं 1 अप्रैल से संचालन को लेकर वर्तमान नीतियों को ही अपनाने की बात की जा रही है। ट्रस्ट के सूत्र बताते हैं कि ट्रस्ट तक यह बातें पहुंची थी कि आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज एवं उज्जैन चैरिटेबल हॉस्पिटल में स्टॉफ तथा डॉक्टर्स की नहीं सुनी जाती है और प्रशासन सख्त चलता है।

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कहीं भी अपनी बात रखने जाते हैं तो दो टूक कहा जाता है कि या तो काम करो या फिर अनुबंध समाप्त कर दो। इसके चलते सीएचएल मेडिकल सेंटर का वर्तमान स्टॉफ संशय में है। यही कारण है कि दो बैठकों में से एक बैठक के बाद कई डॉक्टर्स ने यह कह दिया कि हम नए प्रबंधन के साथ अनुबंध नहीं करेंगे। काम यहीं करेंगे लेकिन काम के बदले पारिश्रमिक के रूप में, नौकरी के रूप में नहीं। यही कारण है कि अब प्रबंधन डेमेज कंट्रोल में जुट गया है। प्रबंधन चाहता है कि हॉस्पिटल का संचालन प्रारंभ होते समय उसके पास फैकल्टियां नहीं बचे। सूत्र बताते हैं कि ट्रस्ट ने दो ऐसे लोगों को लाइजनिंग में लगा दिया है, जो अपनी बातों की मिठास से नाराजगियां दूर करवा देते हैं और समन्वय बैठा लेते हैं।

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