खजाना भरने के लिए नगर निगम की नई तैयारी, प्रस्ताव में होगा सुधार

By AV NEWS

अब बोर्ड पर कंपनी का विज्ञापन तो लगेगा फटका

बजट पर एमआईसी का सवाल… ये क्या 20 पन्नों का पुलिंदा थमा दिया

गोपाल मंदिर के लिए सीएम की घोषणा के अनुसार प्रशासन बनाएगा योजना

अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:नगर निगम अपना खजाना भरने के लिए बाजार वसूली के तहत एक नया फॉर्मूला लाने की तैयारी में है। शहर में किसी की दुकान, दीवार या शटर पर नाम के साथ किसी कंपनी का विज्ञापन दिखा तो संस्थान या दुकान संचालक से वसूली की जाएगी। हालांकि वसूली किस हिसाब से की जाएगी, इसको लेकर पहले पॉलिसी बनाई जाएगी। एमआईसी में इस मुद्दे पर मंथन के बाद नए सिरे से तैयारी होगी। आय व्यय को लेकर एमआईसी सदस्यों ने यह कहकर सवाल खड़ा किया है कि ये क्या 20 पन्नों का पुलिंदा थमा दिया और जरूरी आंकड़े ही नहीं।

गुरुवार को हुई एमआईसी में कई मुद्दों को लेकर सदस्यों और अधिकारियों में तकरार हुई। विज्ञापन बोर्ड से वसूली को लेकर सदस्य रजत मेहता ने आपत्ति उठाई कि पहले यह तो तय करें कि किस रेट से राशि ली जाएगी। हालांकि निगम जल्द ही राशि की दर तय कर इसे लागू करने की तैयारी में जुट गया है। बैठक में गोपाल मंदिर की योजना का प्रस्ताव रखा गया, जिसमें तय किया गया कि सीएम डॉ. मोहन यादव की घोषणा के अनुसार नई योजना प्रशासन बनाए। इसके अनुसार ही काम होगा। निगमायुक्त आशीष पाठक, अपर आयुक्त आदित्य नागर भी मौजूद थे।

पाश्र्वनाथ सिटी मामले में तकरार, अब निगम परिषद करेगी फैसला

पाश्र्वनाथ सिटी में विद्युत सब स्टेशन की ग्रिड लगाने को लेकर भी तकरार हुई। सदस्यों ने सवाल खड़ा किया कि यूटिलिटी की जमीन पर ग्रिड लगाने की परमिशन कैसे कॉलोनाइजर को दे दी गई। पूर्व में तत्कालीन सीएम शिवराजसिंह चौहान के समय भी यह मुद्दा उठा था। यूटिलिटी की जमीन पर ग्रिड लगाने की जगह या तो कॉलोनाइजर जमीन उपलब्ध कराए या सरकारी जमीन दी जाए। आखिरकार लोगों की समस्याओं को ध्यान में रखकर इसे सदन में भेजने का निर्णय लिया।

आउटसोर्स पर ऑडिट आपत्ति, सदन को भेजा प्रस्ताव….

आउटसोर्स से सफाई कर्मचारी रखे जाने के मामले में भी बहस हुई। इस प्रस्ताव पर ऑडिट आपत्ति भी लगी हुई है, लेकिन प्रस्ताव एमआईसी में भेज दिया गया। इसको लेकर सवाल उठाए गए। प्री एमआईसी में महापौर मुकेश टटवाल भी इससे सहमत नहीं थे। आखिरकार इसे भी निगम सम्मेलन में भेजने का निर्णय लिया गया।

आय और व्यय पर तीखी बहस… हमें तो दो पन्नों में जवाब चाहिए

बैठक में आय और व्यय की जानकारी पेश की गई। करीब 20 पन्नों पर जानकारी दी गई।। इस पर सदस्यों और अधिकारियों के बीच तीखी तकरार हुई। सभी सदस्यों ने एक स्वर में कहा इतने पन्ने दे दिए लेकिन समरी तो है ही नहीं। सभी ने कहा हमें तो दो पन्ने ने यह बता दो कि केंद्र से कितना पैसा आया और राज्य से कितना, शहर से कितनी और कैसे आय हुई। खर्च कहां और कैसे हो रहा है। इतनी बड़ी बुकलेट तो दे दी, लेकिन पता ही नहीं चल रहा कि पैसा कहां से कितना आ रहा और कहां जा रहा। अधिकारियों ने कहा इसमें थोड़ी मुश्किल आती है। सदस्यों ने कहा हमें तो दो पन्नों जानकारी दे दीजिए। सदस्य शिवेंद्र तिवारी ने आय व्यय की बुकलेट पर आपत्तियां उठाई।

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