नए प्रशासक ने ताबड़ तोड़ रात में पदभार ग्रहण किया….

प्रदेश की ‘धाकड़’ मंत्री के पत्र की अवहेलना भारी पड़ी ‘प्रशासक’ को

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

advertisement

उज्जैन।सरकार ने महाकाल कॉरिडोर के लोकार्पण के चंद दिन पहले सरकार ने गणेश धाकड़ को महाकाल मंदिर प्रशासक पद से हटा दिया है। सरकार के इस निर्णय के पीछे अनेक कारण हो सकते है,लेकिन इस सभी कारणों में प्रदेश की संस्कृति,पर्यटन,धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व मंत्री के पत्र की अवहेलना भारी पड़ी हैं।

महाकाल मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक पद से गणेश धाकड़ की विदाई हो गई है। शासन ने धाकड़ को प्रशासक पद से हटा दिया है। उनके स्थान पर इंदौर नगर निगम के अपर आयुक्त संदीप सोनी की प्रशासक के रूप में नियुक्ति की गई है। वैसे तो धाकड़ को लेकर कुछ समय विवाद चल ही रहे थे।

advertisement

इन सब के बीच प्रभावशाली और धाकड़ जनप्रतिनिधि मानी जाने वाली एक मंत्री द्वारा मुख्यमंत्री से की शिकायत गणेश धाकड़ की विदाई का कारण बन गई। दरअसल संस्कृति, पर्यटन,धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व मंत्री उषा ठाकुर ने प्रशासक के नाम 3 सितंबर को पत्र क्रमांक 4948लिखा था। इसमें 18 उनके परिजनों/समर्थकों के 5 सितंबर को भस्मआरती के बाद दर्शन की व्यवस्था को सुनिश्चित करने को कहा था।

सूत्रों के अनुसार मंदिर प्रशासक द्वारा मंत्री के पत्र को नियमों का हवाला देकर नजरअंदाज कर दिया गया। जिला प्रशासन सत्कार शाखा ने इसकी व्यवस्था की गई। घटनाक्रम जानकारी मंत्री को उनके परिजनों/समर्थकों ने दी। इससे नाराज मंत्री ठाकुर ने सीधे मुख्यमंत्री से शिकायत की। पूर्व की कई शिकायत/विवादों के बाद मंत्री की नाराजगी/आपत्ति के बाद गणेश धाकड़ को पद से हटाने के निर्णय पर अंतिम मोहर लग गई।

advertisement

लगातार विवाद सामने आते रहे

महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति में प्रशासक के रूप में शासन ने गणेश कुमार धाकड़ को नगर निगम से 14 सितंबर 2021 को नियुक्त किया था। 1 वर्ष 7 दिन के कार्यकाल में प्रशासक धाकड़ की पीएम मोदी के दौरे से ठीक पहले विदाई हो गई। विवादों के कारण शासन ने बुधवार को गणेश कुमार धाकड़ को मंदिर प्रशासन के प्रशासक पद से हटाने संबंधी आदेश जारी कर दिए।

इंदौर की स्टाइल में होगी वर्किंग

संदीप सोनी ने ताबड़तोड़ रात को उज्जैन पहुंचकर पदभार ग्रहण किया। सोनी का कहना है कि भगवान महाकाल ने सेवा का अवसर दिया है और पूरे जतन से सेवा की जाएगी। उनकी प्राथमिकता में सबसे पहले समारोहपूर्वक महाकाल कॉरिडोर का लोकार्पण और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा है। सोनी लंबे समय तक इंदौर में पदस्थ रहे हैं। उनका कहना है कि इंदौर में कार्य शुरू होने का समय तय है। लेकिन एक्टिव कितने समय तक रहना होगा यह तय नहीं हैं। इसी स्टाइल में उज्जैन में भी काम होगा।

Related Articles