बांग्लादेश की शीर्ष अदालत ने रविवार को वह विवादित फैसला वापस ले लिया, जिसमें 1971 मुक्ति संग्राम में शामिल होने वाले लोगों के रिश्तेदारों को सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण दिया गया था।
रविवार को इस मामले से जुड़ी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई।दरअसल, 2018 में भी छात्रों का प्रदर्शन हुआ था और इसके बाद सरकार ने इस आरक्षण पर रोक लगा दी थी।
इस पर मुक्ति संग्राम में शामिल लोगों के रिश्तेदारों ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। हाई कोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला दिया। फिर केस सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, जहां अब सुनवाई हुई।सुनवाई से पहले ही प्रधानमंत्री शेख हसीना में प्रदर्शनकारियों को सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करने को कहा था। उम्मीद की जा रही है कि अब प्रदर्शन खत्म हो जाएगा।