सोयाबीन के पौधों की बढ़त रुकी, पत्ते पीले पड़े
अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन थोड़े-थोड़े अंतराल से होने वाली बारिश से सोयाबीन उपज बिगडऩे के आसार बने हुए है। बादलों की सतत मौजूदगी और बरसात का क्रम जारी रहने से फसलों को धूप नहीं मिल रही है। इससे पत्ते पीले पडऩे के साथ ही पौधों की बढ़त रुक गई। एक माह की उपज हो गई है। यह समय फूल आने का है। खेतों में पानी भरा है, पौधों की जड़ें खराब हो रही हैं। उपज तो नुकसानी के कगार पर खड़ी है। पैदावार कम मिलने के आसार हो गए हैं। किसानों का कहना कि अगर कुछ दिन अगर धूप खिल जाए तो उपज को जीवनदान मिल सकता है।
गांव गंगेड़ी के किसान गोपाल सिंह राठौर ने बताया खेतों के निचले इलाकों में पानी भरा रहने से उपज खराब हो रही है। सोयाबीन 9560 में फूल आ गए हैं। पानी नहीं रुका तो अच्छी दिख रही उपज भी खराब होने लगेगी। सोयाबीन वैसे भी भाव में दम तोड़ चुका है। दूसरी ओर फसल अगर खराब हुई तो किसान एक बार फिर कर्ज में फंसने लगेगा।
तेज बारिश के कारण कई खेतों में इस तरह से पानी भर गया। दो साल से भाव भी नहीं मिल रहे। सोयाबीन इस साल 4800 रुपए बिक रही। वहीं नई उपज के हालात भारी बारिश ने बिगाड़ दिए हैं। सोया स्टेट के नाम से पहचान बनाने वाला एमपी अब सोयाबीन जैसी उपज को नहीं बचा पा रहा है। इस उपज के अलावा अन्य विकल्प नहीं होने से मजबूरी में किसानों को इसे ही अपनाना पड़ रहा है। सोयाबीन के पत्तों का रंग पीला होने लग गया।
फसलों पर अलग-अलग कीट का प्रकोप भी बढ़ा
सोयाबीन में अलग-अलग कीट के प्रकोप की जानकारी भी सामने आ रही है। किसानों द्वारा कीटनाशक दवाओं का छिड़काव कर नियंत्रण के प्रयास किए जा रहे हैं। खेतों में खड़ी फसलों के तनों पर कीट का हमला बढ़ रहा है। कृषि वैज्ञानिक डॉ. अशोक दीक्षित के अनुसार कृषक कृषि वैज्ञानियों और विशेषज्ञों से सलाह लेकर कीटनाशक का उपयोग करें।