लोकप्रिय टेलीविजन सीरियल रामायण में भगवान राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल ने अब राजनीतिक पारी की शुरुआत की है. पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने भारतीय जनता पार्टी का दामन थामा है. अरुण गोविल बंगाल चुनाव में बीजेपी के पक्ष में धुआंधार प्रचार करेंगे. ऐसा कहा जा रहा है कि गोविल बंगाल में करीब 100 सभाएं करेंगे.
पश्चिम बंगाल में कुछ ही दिनों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. हालांकि इससे पहले ही अभिनेता रहे अरुण गोविल भारतीय जनता पार्टी से जुड़ चुके हैं. अरुण गोविल ऐसे अभिनेता हैं जो 90 के दशक में टेलीविजन सीरियल रामायण से फेमस हुए थे. रामानंद सागर की 90 के दशक में दिखाई जाने वाली ‘रामायण’ की यादें आज भी लोगों के जहन में ताजा है. इस धार्मिक सीरीयल में भगवान राम का किरदार अरुण गोविल ने ही निभाया था और यहीं से अरुण ने घर-घर में अपनी पहचान बनाई थी.
बीजेपी में शामिल होने के बाद अरुण गोविल ने कहा कि इस समय जो हमारा कर्तव्य है वो करना चाहिए. मुझे राजनीति आज से पहले समझ नही आती थी, लेकिन मोदी जी ने जब से देश को संभाला है तब से देश की परिभाषा ही बदल गई. मेरे दिल दिमाग़ में जो होता है कर देता हूं. अरुण गोविल ने कहा कि अब मैं देश के लिए योगदान देना चाहता हूं और इसके लिए हमें एक मंच की जरूरत है और बीजेपी आज सबसे अच्छा मंच है. उन्होंने कहा कि पहली बार मैंने देखा कि ममता बनर्जी को “जय श्री राम” के नारे से एलर्जी हुई. जय श्री राम केवल एक नारा नहीं है.
Actor Arun Govil joins BJP at party headquarters in New Delhi. #JoinBJP pic.twitter.com/eiI1aCdRRt
— BJP (@BJP4India) March 18, 2021
कौन हैं अरुण गोविल?
उत्तर प्रदेश के मेरठ में जन्मे अरुण गोविल ने जी. एफ. कॉलेज शाहजहांपुर, मेरठ यूनिवर्सिटी से इंजिनियरिंग साइंस की पढ़ाई की. अपनी पढ़ाई के बाद ही अरुण गोविल ने कुछ प्ले में हिस्सा लिया था. अरुण गोविल के पिता श्री चंद्र प्रकाश गोविल सरकारी नौकरी करते थे. अरुण 6 भाई-बहनों में चौथे नंबर पर थे. अरुण गोविल (Arun Govil) ने खुद बताया था, ‘मैंने राम के लिए ऑडिशन दिया था, लेकिन मेकर्स ने रिजेक्ट कर दिया था. उस वक्त उन्हें मेरा काम पसंद नहीं आया था, लेकिन बाद में वे खुद मेरे पास आए और मुझे यह रोल ऑफर किया.
अरुण गोविल बताते हैं, ‘भगवान राम का किरदार करने से मुझे बॉलीवुड में काम नहीं मिला. इसका मुझे अफसोस है, लेकिन बाद मैं मैंने यह महसूस किया कि व्यावसायिक फिल्मों को करने के बाद मुझे वह शोहरत, प्यार और पहचान नहीं मिलती, जो रामायण में भगवान राम की भूमिका निभाने के बाद मुझे मिली है. रामायाण ने जो मुझे दिया वो 100 बॉलीवुड फिल्में भी नहीं दे सकतीं.’