मतदाताओं के मन टटोलने के जतन!
उज्जैन। विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ने मतदाताओं के मन को टटोलने के जतन प्रारंभ कर दिए हंै। इसी क्रम में शासन की हितग्राहीमूलक योजनाओं पर निगरानी कर सरकार के प्रति लोगों के रुझान का पता लगाया जाएगा। भाजपा इसके लिए 10 बूथों पर एक प्रभारी की नियुक्ति करने जा रही है। इसमें गुजरात फार्मूले पर काम होगा।
मप्र में चुनावी साल में जनता की शिकायतें दूर करने और नजदीकी रिश्ते बनाने के लिए प्रदेश भाजपा बूथ स्तर पर आयुष्मान, लाड़ली लक्ष्मी, उज्जवला, प्रधानमंत्री आवास सहित अन्य हितग्राहीमूलक योजनाओं की निगरानी करेगी। इसके लिए 10 बूथों पर एक प्रभारी नियुक्त किए जाएंगे, जो यह देखेंगे कि मतदाताओं को केंद्र एवं राज्य की योजनाओं का कितना लाभ मिल रहा है। मतदाताओं से चर्चा के इस दौर में यह भी परख लिया जाएगा कि उनका किस दल की ओर रुझान है। एक तरह से यह चुनाव पूर्व सर्वे भी होगा। इसकी रिपोर्ट संगठन नियमित रूप से राज्य सरकार को भेजेगा, ताकि समय रहते माहौल को सुधारा जा सके।
विधानसभा चुनाव 2018 में भाजपा को पराजय का सामना करना पड़ा था। स्पष्ट बहुमत (116 सीट) कांग्रेस को भी नहीं मिला था पर वह 114 सीट जीतकर पहले स्थान पर रही थी, जबकि भाजपा को 109 सीटें मिली थीं। यह तब था जब भाजपा वर्ष 2003 से लगातार सत्ता में रहते हुए जनता की सेवा कर रही थी। यह स्थिति फिर न बने, इसलिए मार्च 2020 में फिर से बनी भाजपा सरकार ने जनता की सेवा में कोई कसर नहीं छोड़ी।
प्रधानमंत्री आवास के तहत हितग्राहियों को गृह प्रवेश कराना हो या विभिन्न योजनाओं के तहत हितग्राहियों के बैंक खाते में राशि जमा कराना, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, सांसद, विधायक, महापौर, पार्षद, जिला एवं जनपद अध्यक्ष-सदस्य कार्यक्रमों में उपस्थित रहकर लाभ दिला रहे हैं। मुख्यमंत्री ने पार्टी के जनप्रतिनिधियों को भी जनता से जीवंत संपर्क बनाने को कहा है। इसके बाद अब बूथ स्तर पर प्रभारी नियुक्त किए जा रहे हैं।
शक्ति केंद्रों को सक्रिय किया जाएगा
भाजपा ने मध्य प्रदेश में बूथ स्तर पर निगरानी के लिए 10 से 15 साल पहले शक्ति केंद्रों का गठन कर १० बूथ पर एक शक्ति केंद्र का गठन किया था। चूंकि प्रदेश में लगातार भाजपा की सरकार को बहुमत मिलता रहा, इसलिए इन केंद्रों का अधिक उपयोग नहीं किया था। गत विधानसभा चुनाव के परिणाम और सिस्टम से हाल में गुजरात के चुनाव में भाजपा को भारी सफलता मिली है। वहां आठ से दस बूथों पर एक शक्ति केंद्र बनाकर निगरानी की गई।
माना जा रहा है, इस फार्मूले ने उम्मीद से अच्छे परिणाम दिए हैं। इसलिए अब इसे मध्य प्रदेश में भी सक्रिय किया जा रहा है। 10 बूथों की इस इकाई को शक्ति केंद्र कहा जाएगा। जिस पर संयोजक, सह संयोजक, प्रभारी, गरीब कल्याण योजना प्रभारी और आइटी प्रभारी नियुक्त किए जाएंगे। पार्टी के सूत्र बताते हैं कि पार्टी सालभर क्या-क्या करेगी, इसके लिए जिला स्तर पर वार्षिक कैलेंडर बनाया जा रहा है।