शिप्रा में आस्था की डुबकी और भक्तिभाव से पूजन

By AV NEWS

मौनी-शनिश्चरी अमावस्या का संयोग : त्रिवेणी संगम और रामघाट पर भी पर्व स्नान

ठंड का असर, सुबह कम श्रद्धालु तो दोपहर बाद बढ़ी भक्तों की भीड़

रात शिप्रा तट पर भजन-कीर्तन किए, पहली बार अलाव के भी इंतजाम किए प्रशासन ने….

उज्जैन। माघ मास की मौनी अमावस्या और शनिश्चरी के विशेष संयोग में त्रिवेणी संगम पर पर्व स्नान के लिए श्रद्धालुओं पहुंच रहे हैं। ठंड का मौसम होने के कारण सुबह के समय घाट और बेरिकेड्स खाली नजर आए। प्रशासनिक अधिकारियों का कहना था कि सुबह ११ बजे बाद श्रद्धालुओं की भीड़ बढऩा शुरू हुई। प्रशासन द्वारा पर्व स्नान के लिए चाकचौबंद व्यवस्था की हैं। अलाव भी जलाए गए हैं ताकि सर्दी से लोगों को राहत मिल सके।

धार्मिक मान्यता के अनुसार शनिश्चरी अमावस्या पर शिप्रा के त्रिवेणी संगम पर स्नान और नवग्रह शनि मंदिर में दर्शन-पूजन का विशेष महत्व है। इस बार मौनी अमावस्या के संयोग में शनिश्चरी अमावस्या आने से इसका महत्व और बढ़ गया है। शुक्रवार से ही श्रद्धालुओं का धार्मिक नगरी में आगमन शुरू हो गया था। कई भजन मंडलियां शाम से ही शिप्रा तट पर पहुंची और रातभर भजन-कीर्तन किए और इसके बाद त्रिवेणी संगम पर स्नान किया।

स्नान करने वालों और नवग्रह शनि मंदिर में दर्शन करने वालों के लिए अलग-अलग बेरिकेडिंग की गई है ताकि सुविधापूर्वक स्नान और दर्शन हो सके। रात्रि में शासकीय पूजन किया गया। इसके बाद स्नान का सिलसिला शुरू हुआ। नर्मदा का पानी शिप्रा में छोड़ गया हैं। वहीं घाटों पर फव्वारे लगाए हैं। महिलाओं के लिए तीन चैजिंग रूम भी बनाए हैं। सर्दी के मौसम में कई जगह पर अलाव भी लगाए गए हैं। श्रद्धालु मोबाइल से दान कर सके इसके लिए क्यूआरकोड के भी इंतजाम किए हैं। सीसीटीवी कैमरों से निगरानी भी की जा रही हैं। वहीं सुरक्षा के लिए ७०० जवानों की तैनाती की गई हैं।

संगम पर स्नान के बाद छोड़ी पनौती

शनिश्चरी अमावस्या पर संगम पर स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने कपड़े व जूते-चप्पल पनौती के रूप में छोड़े गए। मान्यता है कि इससे शनि पीड़ा से मुक्ति मिलती है। प्रशासन बाद में इसकी नीलामी करवाता है। पनौती का ढेर लगा हुआ था। वहीं नगर निगम के सफाई कर्मचारी जगह-जगह पर तैनात रहे। वाहनों के लिए पांच पार्किंग स्थल बनाए गए हैं।

शनि मंदिरों में भी दर्शनार्थियों की भीड़

शनिश्चरी अमावस्या में शहर में स्थित शनि मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धालु दर्शन-पूजन के लिए पहुंच रहे हैं। मंदिरों में विशेष अनुष्ठान के साथ भंडारों के भी आयोजन किए गए हैं। भगवान शनिदेव को तेल अर्पित करने के लिए भक्तों का तांता लगा रहा।

सुरक्षा के लिए लगाई नेट…

जिला प्रशासन ने पर्व स्नान के लिए विशेष इंतजाम किए हैं। त्रिवेणी का पुल जहां खत्म होता है वहां पर सुरक्षा के लिए नेट लगाई गई है। कई बार सड़क से लोग यहां से उतरकर मंदिर तक पहुंचते हैं जिससे गिरकर घायल भी हो जाते हैं। पहली बार ऐसी व्यवस्था की गई हैं।

सुबह में आसानी से होते रहे दर्शन

ठंड का मौसम होने के कारण श्रद्धालु सुबह के समय कम संख्या में पहुंचे। इससे नवग्रह शनि मंदिर में दर्शनार्थियों को आसानी से दर्शन होते रहे। सुबह ११ बजे बाद श्रद्धालुओं की भीड़ बढऩे लगी थी। इधर रामघाट पर मौनी अमावस्या का पर्व स्नान के लिए श्रद्धालु पहुंचे।

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