उज्जैन : दोपहर 12 बजे से शुरू हुई भस्मारती दो बजे समाप्त हुई

By AV NEWS

महाकाल मंदिर में बाबा महाकाल दूल्हा स्वरूप भक्तों को दर्शन दे रहे हैं। पूरे गर्भगृह से लेकर नंदी हाल को फूलों से सजाया गया है। 11 मार्च की रात 11 बजे से शुरू हुई महापूजा के बाद शुक्रवार तड़के चार बजे से बाबा को दूल्हे के रूप में तैयार किया गया। उन्हें सेहरा चढ़ाया गया है। भक्त लोग सेहरा दर्शन कर निहाल हो रहे हैं। सुबह नौ बजे तक बाबा का सेहरा दर्शन हुआ। इसके बाद श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश रोक दिया गया। पुजारियों ने पंचामृत से बाबा का अभिषेक किया।

सप्तधान्य (चावल, मूंग खड़ा, तिल, मसूर खड़ा, गेंहू, जौ, उड़द खड़ा) महाकालेश्वर भगवान को अपर्ण किया गया। तड़के 4 बजे से सेहरा चढ़ना शुरू हुआ। सुबह 6 बजे सेहरा आरती की गई। सुबह 11 बजे से सेहरा उतरना प्रारंभ हुआ।

पं. आशीष गुरु ने बताया कि बाबा महाकाल को सवा मन प्राकृतिक आंकड़े के फूलों, सवा लाख बेलपत्रों से सजाया गया है। बाबा महाकाल को स्वर्ण के आभूषण, स्वर्ण का चंद्रमा, स्वर्ण का त्रिपुर्ण और स्वर्ण का तिलक लगाकर दूल्हा बनाया गया है।

वर्ष में एक बार दोपहर में होने वाली भस्मारती दोपहर 12 बजे से शुरू होकर दो बजे समाप्त हुई। बाबा महाकाल को महानिर्वाणी अखाड़े के महंत विनती गिरि महराज ने भस्म चढ़ाई। भस्मारती में पंडे-पुजारी ही थे। आम लोगों को भस्मारती में प्रवेश नहीं दिया गया।

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