चारधाम से बड़े गणेश मंदिर तक का रास्ता जाम

By AV NEWS

श्रावण मास में रखे थे अब तक नहीं हटाए बेरिकेड्स…

उज्जैन।चारधाम से लेकर बड़े गणेश मंदिर के सामने तक रखे बेरिकेड्स से राहगीर और वाहन चालक परेशान हो रहे हैं। इस मार्ग के दोनों ओर दुकानें भी लग गई है जिससे सड़क पर चलने के लिए रास्ता बहुत बचा है। श्रावण मास और शाही सवारी के समापन के बाद भी बेरिकेड्स हटाए नहीं गए हैं।

श्रावण मास में श्री महाकाल मंदिर में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की कतार चारधाम से लेकर बड़े गणेश के सामने प्रवेश द्वार तक लगाई गई थी। अत्यधिक भीड़ होने के कारण झिग्झेग की व्यवस्था की गई। इसके लिए बड़ी संख्या में बेरिकेड्स का उपयोग किया गया। श्रावण मास के बाद अब शाही सवारी का समापन भी हो गया।

इसके बाद भी चारधाम से लेकर बड़े गणेश के सामने तक पूरे रास्ते पर बेरिकेड्स इधर-उधर रखे हुए हैं। इससे मार्ग पर आने-जाने वाले और वाहन चालकों को परेशानी हो रही हैं। वहीं इसी रास्ते से श्रद्धालु श्री महाकाल मंदिर में दर्शन के लिए जाते हैं। बेरिकेड्स के कारण पैदल चलने वाले भी परेशान हो रहे हैं।

शिकायत के बाद यहां से हटाए गए

इसी तरह श्री महाकाल सवारी मार्ग पर भी बेरिकेड्स रखे गए थे। महाकाल घाटी, चौबीस खंबा माता मंदिर के सामने, गुदरी चौराहा और पटनीबाजार तक बड़ी संख्या में बेरिकेड्स रखे गए थे। इस रास्ते से वाहन निकालना भी मुश्किल हो रहा था। लोगों ने इस संबंध में पुलिस को शिकायत की थी। दो दिन पूर्व ही इस मार्ग से बेरिकेड़स हटाए गए हैं। रामघाट पर अभी भी बेरिकेड्स रखे हुए हैं।

श्री महाकाल में गर्भगृह से दर्शन 750 रसीद के लिए लगी कतार

उज्जैन।श्री महाकालेश्वर मंदिर में आम भक्तों को अभी गर्भगृह से दर्शन नहीं करवाए जा रहे हैं। फिलहाल 1500 रुपए की रसीद पर ही भक्तों को अनुमति दी जा रही है। आज सुबह रसीद के लिए प्रोटोकाल ऑफिस के समीप भीड़ लगी रही।

महाकाल मंदिर में श्रावण मास के बाद स्थिति सामान्य हो गई है। हालांकि शनिश्चरी अमावस्या के कारण कल और आज रविवार अवकाश के कारण मंदिर में भक्तों की संख्या अधिक हैं।

शाही सवारी के बाद 1500 की रसीद पर भक्तों को गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति दी जा रही है। आज रविवार अवकाश और कल सोमवार के कारण मंदिर में भीड़ अधिक रहेगी। संभवतया मंगलवार को सामान्य स्थिति होने पर आम श्रद्धालुओं को गर्भगृह से दर्शन की अनुमति दी जा सकती हैं। मंदिर समिति ने श्रावण मास से कुछ दिन पूर्व से ही गर्भगृह में प्रवेश प्रतिबंधित किया था।

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