महाकाल क्षेत्र के हर घर में होटल, लॉज-धर्मशाला

By AV NEWS

श्रद्धालुओं के ठहरने के 300 से अधिक स्थान बन गए, पुलिस रिकॉर्ड केवल 280 पुराने

उज्जैन।महाकाल मंदिर में बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या और महाकाल लोक के लोकार्पण के बाद से ठहरने के उचित स्थान की अधिक आवश्यकता महसूस हो रही है और यही कारण है कि महाकाल क्षेत्र में हर घर में होटल, लॉज-धर्मशाला बना लिए गए हैं।

इनके पंजीयन और वैधानिकता के कोई अते-पते नहीं है। खास बात यह कि बीते कुछ दिनों में लोगों ने अपने घरों में बदलाव बाहर से आने वालों को ठहरने की सशुल्क सुविधा देने के 300 से अधिक स्थान विकसित कर लिए हैं, लेकिन पुलिस रिकॉर्ड में केवल 280 ही पूराने स्थान दर्ज है।

चाय, नाश्ता, खाने के इंतजाम अलग

महाकाल लोक के आसपास घरों में संचालित होने वाली होटलों में ठहरने के 1500 रुपये का चार्ज है जबकि चाय, नाश्ता और खाने के लिये मेन रोड पर दूसरी दुकानें भी लोगों ने लगाई है। कुल मिलाकर महाकाल लोक बनने के बाद बदली मंदिर की दर्शन व्यवस्था के कारण लोगों का मुख्य आवागमन मार्ग त्रिवेणी संग्रहालय, जयसिंहपुरा क्षेत्र में हो रहा है। यहीं पर पार्किंग भी है। इस कारण लोगों ने मकानों के स्वरूप को बदलकर होटलों में तब्दील कर दिया है।

न पंजीयन और ना ही नियम

होटल, लॉज-धर्मशाला संचालन के लिए पंजीयन तो अनिवार्य है। इसके साथ लिखित नियम होना भी आवश्यक है। स्थानीय निकाय से अनुमति भी लेना होती है। इसके बाद भी अनेक भवन मालिकों ने अपने रहने की दूसरी जगह व्यवस्था कर मकान की आंतरिक स्थिति में बदलाव उसे होटल, लॉज-धर्मशाला बना दिया है। इसके लिए नियमों का पालन भी नहीं किया है।

कुछ ही दिन पहले हुआ था वैरिफिकेशन

पिछले दिनों कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का उज्जैन आगमन हुआ था। वीवीआईपी राहुल गांधी महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन करने भी गये थे उस दौरान महाकाल थाना पुलिस द्वारा अपने क्षेत्र में संचालित होने वाली होटल, लॉज और धर्मशालाओं का वैरिफिकेशन कराया था। थाना क्षेत्र में कुल 280 होटल, लॉज, धर्मशालाएं संचालित हो रही हैं। महाकाल लोक बनने के बाद नई होटलें खुलने की जानकारी मिली है जिनका वैरिफिकेशन कराया जाना है।

महाकालेश्वर मंदिर के आसपास दो किलोमीटर के क्षेत्रफल में पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार 280 होटल, लॉज, धर्मशालाएं संचालित हो रही हैं जबकि सच्चाई यह है कि महाकाल लोक बनने और दर्शन व्यवस्था परिवर्तित होने के बाद अकेले महाकाल क्षेत्र,जयसिंहपुरा और आसपास के क्षेत्र में ही 300 नई होटल, लॉज-धर्मशाला खुल गए हैं, जिनका रिकॉर्ड पुलिस के पास भी नहीं है।
त्रिवेणी संग्रहालय, हरिफाटक ब्रिज से लेकर जयसिंहपुरा की ओर जाने वाले मार्ग से टर्न लेकर पटरी पार करते हुए चारधाम मंदिर की ओर जाने वाले मार्ग पर महाकाल लोक बनने के बाद लोगों ने घरों में परिवर्तन करते हुए उसे होटल का स्वरूप दे दिया है। ऐसे घरों में संचालित होने वाली होटलों की संख्या 300 से अधिक है। एक होटल संचालक से ग्राहक बनकर किराया व अन्य जानकारी लेने पर पता चला कि सुबह, दोपहर, शाम या रात कभी भी होटल बुक करें, एक कमरे में तीन व्यक्ति के रुकने की व्यवस्था है। कमरे में लेटबाथ अटैच हैं और 1500 रुपये किराया है, लेकिन सुबह 9 बजे चेकआउट करना जरूरी है।

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