खेत में जलाई पराली, नियम धुआं-धुआं

प्रतिबंध के बावजूद किसान खेतों में लगा रहे आग
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अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। वैसे तो उज्जैन जिले में पराली जलाने पर प्रतिबंध है लेकिन बावजूद इसके नियमों का बेखौफ मजाक बनाते हुए खेतों में जमकर पराली जलाई जा रही है। कुछ ऐसा ही मामला आगर रोड के नाका नंबर 5 स्थित गयाकोठा रोड का है जहां किसान ने गेहूं की कटाई के बाद बचे अवशेषों में आग लगा दी जिससे चारों ओर धुआं-धुआं हो गया। पराली जलाने के निशान अभी भी देखे जा सकते हैं।
दरअसल, उज्जैन जिले में पराली जलाने पर प्रतिबंध हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक पराली जलाने के मामले में उज्जैन जिले प्रदेश में चौथे पायदान पर है। पहले नंबर पर विदिशा, दूसरे पर होशंगाबाद और तीसरे पर रायसेन है। उज्जैन में वर्ष २०२४ में पराली जलाने के 432 मामले दर्ज हुए थे लेकिन इस वर्ष यह आंकड़ा १६०६ पर पहुंच गया है। दरअसल, पराली जलाने के कारण पर्यावरण प्रदूषित होता ही है जो सेहत की दृष्टि से काफी खराब माना जाता है। इसके अलावा इस जलाने से मिट्टी की उपजाऊ शक्ति भी कम होती है। बहरहाल, आसपास तो छोडि़ए शहर के अंदर इस तरह के मामले होने से जिम्मेदारों की लापरवाही साफ दिखाई देती है।