रोप-वे स्टेशन की पहचान बनेगा ‘त्रिशूल’

मालगोदाम स्टेशन पर रोड से लगी जमीन तय, तैयारी शुरू
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अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। सिंहस्थ 2028 से पहले महाकाल मंदिर देश का पहला ऐसा मंदिर बन जाएगा, जहां पहाड़ी इलाका न होने के बाद भी रोप वे से दर्शनार्थी सीधे महाकाल लोक पहुंच सकेंगे और रूद्रसागर ब्रिज से होकर मंदिर तक पहुंच सकेंगे। इसके लिए मालगोदाम स्टेशन के बाहर मुख्य स्टेशन बनाने के लिए जमीन तय कर दी गई है। स्टेशन की पहचान बड़े त्रिशूल से होगी।
रेलवे स्टेशन से महाकाल महालोक तक जाने के लिए रोप वे का काम शुरू करने के लिए अभी विधिवत भूमिपूजन होना बाकी है। 198 करोड़ रुपए के इस प्रोजेक्ट को धरातल पर उतारने के लिए उड़ीसा की कंपनी तकनीकी डिजाइन और ड्राइंग ऑस्ट्रिया से बनवा रही है। इसके बाद ही काम शुरू हो सकेगा। मुख्य स्टेशन से पहले मालगोदाम स्टेशन परिसर में रोपवे स्टेशन की बिल्डिंग बनाने के लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। नेशनल हाईवे की ओर से तय जमीन पर प्रोजेक्ट के होर्डिंग्स लगा दिए गए हैं तथा आम लोगों की एंट्री भी इसमें बंद कर दी गई है। वर्तमान में रोड किनारे नाली बनाने का काम शुरू कर दिया गया है ताकि परिसर में पानी न भर सके। अभी चयनित जगह पर पानी निकासी किए नाली नहीं है। रोड किनारे नाली का निर्माण करने के बाद कंपनी को जगह उपलब्ध कराई जाएगी ताकि भूमिपूजन होते ही मुख्य बिल्डिंग बनाने का काम शुरू किया जा सके।
तीनों स्टेशन पर एक साथ होगा काम
नेशनल हाईवेज लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट लि. के अधिकारियों के अनुसार मालगोदाम स्टेशन के बाहर बनने वाली बिल्डिंग के बाहर बड़ी त्रिशूल की आकृति बनाई जाएगी, जिससे इसकी अलग पहचान बनेगी। यहां एस्केलेटर सहित कई आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी। अधिकारियों के अनुसार मुख्य स्टेशन सहित हरिफाटक ओवरब्रिज के सामने और रूद्रसागर ब्रिज के सामने चारधाम रोड पर बनने वाली स्टेशन बिल्डिंग के काम एक साथ शुरू किए जाएंगे। तकनीकी डिजाइन इस माह मिलने की संभावना है।
तकनीकी डिजाइन हो रही तैयार
महाकालेश्वर रोप वे प्रोजेक्ट के लिए तकनीकी डिजाइन बनाने का काम चल रहा है। मालगोदाम स्टेशन के सामने यूटिलिटी शिफ्टिंग का काम चल रहा है। डिजाइन मिलने के बाद आगे की तैयारी हो सकेगी।
– रवींद्र गुप्ता, प्रभारी अधिकारी, रोप-वे प्रोजेक्ट