उज्जैन का युवा हेलिकॉप्टर से कराएगा चारधाम, ई-ऑक्शन में हेलिकॉप्टर खरीदा

अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। उज्जैन का एक युवा उत्तराखंड में हेलिकॉप्टर सेवा शुरू करने की तैयारी कर रहा है। हाल ही में ई-ऑक्शन में उसने सैन्य संस्थान से हेलिकॉप्टर लिए हैं। उसकी योजना इन्हें फिर से मॉडिफाई कराके चारधाम यात्रा में चलाने की है। दरअसल सैन्य प्रतिष्ठान उड़ान की तय अवधि पूरी होने के बाद हेलिकॉप्टर को रिटायर कर देते हैं, इन्हें वह ई- ऑक्शन में बेच देते हैं।
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इच्छुक लोग इसकी खरीदी कर लेते हैं। चूंकि सैन्य संस्थानों में रखरखाव पर खास ध्यान दिया जाता है, ऐसे में अधिकतर की स्थिति बहुत ही बेहतरीन होती है। उज्जैन के रहने वाले कृष्णा माहेश्वरी ने ई-ऑक्शन में हाल ही हेलिकॉप्टर की खरीदी की है। इनका उपयोग वह चारधाम यात्रा में करना चाहते हैं। कृष्णा माहेश्वरी ने बताया कि वह चारधाम यात्रा में हेलिकॉप्टर का उपयोग करना चाहते हैं।
अभी कौनसे धार्मिक इलाकों में है हेलिकॉप्टर सेवा
भारत में उत्तराखंड के चारधाम और जम्मू-कश्मीर के अमरनाथ व वैष्णोदेवी में हेलिकॉप्टर सेवा उपलब्ध है। यह सेवा पैकेज के रूप में उपलब्ध होती है। चारधाम यात्रा का पैकेज 1.35 लाख से शुरू होता है और 2.50 लाख तक जाता है। इसी तरह वैष्णोदेवी जाने के लिए हेलिकॉप्टर सेवा कटरा से उपलब्ध है। इसमें एक तरफ का किराया 2100-2400 रुपए रहता है, जबकि दोनों तरफ का 4200। जम्मू से कटरा और वैष्णोदेवी के लिए यह किराया 8800 से 12,500 रुपए तक हो सकता है।
हवाईजहाज में कॉटेज बनाने की तैयारी
इधर बीएसएफ से 55 सीटर हवाई जहाज खरीदने वाले राजलक्ष्मी एंटरप्राइजेस के संचालक वीरेंद्र कुशवाह और पुष्पेंद्र कुशवाह ने विमान के उपयोग की तैयारी शुरू कर दी है।
पुष्पेंद्र कुशवाह के मुताबिक फिलहाल विमान उनके करोंदिया स्थित अनंता विलेज फार्म हाउस में खड़ा रहेगा। आर्किटेक्ट की मदद से वह इसके उपयोग पर विचार कर रहे हैं। उनकी कोशिश है कि विमान में कॉटेज बनाए जाए ताकि इनमें ठहरने वाले लोग एक अलग तरह की फीलिंग महसूस कर सकें। पुष्पेंद्र के मुताबिक स्क्रैप कारोबार उन्हें पिता जगदीश कुशवाह से विरासत में मिला है। पिता 1998 से यह बिजनेस कर रहे हैं। उनका हाथ बंटाने के लिए भाई वीरेंद्र पहले व्यापार में उतरे और अब वह भी उनका साथ दे रहे हैं। 2007 में उन्होंने राजलक्ष्मी एंटरप्राइजेस का रजिस्ट्रेशन कराया और २०११ से ऑनलाइन ई-ऑक्शन में शामिल हो रहे हैं।
फाइटर जेट भी तोड़ चुके हैं
राजलक्ष्मी एंटरप्राइजेस सैन्य, अर्धसैन्य प्रतिष्ठानों से खरीदी करती है। इनमें टैंक, विमान, हेलिकॉप्टर, फाइटर जेट होते हैं। पुष्पेंद्र के मुताबिक सेना की सामग्री को स्क्रैप करने की कड़ी प्रक्रिया होती है। फाइटर जेट का स्क्रैप पूरी तरह डिस्मेंटल करके ही उठाया जा सकता है। वह भी कड़ी सुरक्षा के बीच।
स्क्रैप में मिलती है कीमती धातु
पुष्पेंद्र के मुताबिक सैन्य प्रतिष्ठान से निकलने वाले स्क्रैप में कीमती धातु मिलती है। इनमें टिटेनियिम, चांदी, प्लेटिनियम जैसी धातुएं होती हैं। कॉपर, एल्युमिनियम भी काफी निकलता है। इनकी बिक्री से काफी मुनाफा होता है।










