ले आउट फाइनल, एक महीने बाद किसानों से होगी सीधी बात

स्थाई कुंंभ नगरी के लिए यूडीए ने आगे बढ़ाया कदम
2378 हेक्टेयर जमीन पर स्थाई कुंभ नगरी विकसित होगी
अक्षरविश्व न्यूज|उज्जैन। सिंहस्थ 2028 से पहले उज्जैन में स्थाई कुंभ नगरी बनाने के लिए उज्जैन विकास प्राधिकरण ने एक कदम और आगे बढ़ा दिया है। किसानों से सीधी बात कर इस योजना को धरातल पर लाया जाएगा। इस कड़ी में भू राजस्व संहिता की धारा 50(3) का प्रकाशन कर दिया गया है। एक माह बाद किसानों की आपत्तियों का विधिवत निराकरण किया जाएगा।स्थाई कुंभ नगरी का खाका यूडीए द्वारा तैयार किया जा रहा है। इसके लिए ले आउट को फाइनल कर दिया गया है। शुक्रवार को यूडीए प्रशासन ने पूरे लेआउट का बारीकी से अध्ययन किया।
प्राधिकरण द्वारा धारा 50(3) के तहत प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसकी सूचना का प्रकाशन कर प्रभावित होने वाले किसानों से दावे और आपत्तियां मंगाई गई हैं। अधिकारियों के अनुसार किसानों को इसके लिए एक माह का समय दिया गया है। इस अवधि में वे अपनी आपत्तियां और सुझाव दे सकेंगे। एक माह बाद प्राधिकरण प्रशासन इन पर सुनवाई करेगा और इनका निराकरण किया जाएगा।
इसके बाद अगली प्रक्रिया शुरू की जाएगी। सिंहस्थ के इतिहास में पहली बार किसी सरकार ने उज्जैन में स्थाई कुंभ नगरी बसाने का काम शुरू किया है। कम समय की चुनौती के बावजूद इस ड्रीम प्रोजेक्ट को धरातल पर उतारने के लिए प्रशासन पूरी ताकत से काम कर रहा। इससे सिंहस्थ इस बार एक नए स्वरूप में दिखाई देगा और हर बार राज्य के कोष पर पडऩे वाला आर्थिक भार भी दूर हो सकेगा। किसानों को भी इससे काफी फायदा होगा। जमीन के बदले डेवलप जमीन मिलेगी और सरकार से मुआवजा भी मिलेगा।
दो हजार हेक्टेयर से अधिक जमीन पर बनेगी नगरी
पक्के और चौड़े रोड बनेंगे और इन्हें सिंहस्थ बाद खत्म नहीं करना पड़ेगा।
स्ट्रीट लाइट, पानी और सीवर लाइन की सुविधा भी स्थाई रूप से
होगी।
धार्मिक संस्थाओं के अलावा धर्मशाला और होटल भी बनाई जा सकेंगी।
शैक्षणिक और धार्मिक संस्थाएं तथा शोध संस्थान स्थापित हो सकेंगे।
तैयारी चल रही- सिंहस्थ में स्थाई नगरी विकसित करने के लिए प्रक्रिया तेजी से चल रही है।-संदीप सोनी, सीईओ यूडीए