महाकाल मंदिर वाला अंडरपास ब्रिज वापस पीडब्ल्यूडी को सौंपा

योजना फाइनल होने से पहले अफसरों का चौथा निर्णय

अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। हरिफाटक चौराहा से ओवरब्रिज के नीचे से महाकाल मंदिर जाने के लिए प्रस्तावित अंडरपास की योजना एक बार फिर पीडब्ल्यूडी को सौंप दी गई है। सूत्रों के अनुसार हाल ही मुख्य सचिव अनुराग जैन की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया है।

सिंहस्थ के दौरान भीड़ प्रबंधन के लिए मध्यप्रदेश सरकार पूरी ताकत लगा रही है। करोड़ों श्रद्धालुओं के आने की संभावना के मद्देनजर हर स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रयागराज महाकुंभ में उमड़ी भीड़ को देखते हुए सडक़ों के चौड़ीकरण और शिप्रा नदी पर ब्रिज बनाने के लिए स्वीकृति दे दी है। इसी कड़ी में हरिफाटक ओवरब्रिज को महाकाल मंदिर के नीलकंठ द्वार तक सिक्स लेन करने की स्वीकृति दे दी है। साथ ही नीलकंठ द्वार तक हरिफाटक चौराहे पर बनी स्मार्ट पार्किंग तक अंडरपास बनाने का निर्णय भी लिया गया है। इसकी योजना अभी फाइनल की जा रही है। इसको लेकर 15 मार्च को भोपाल में सीएस की अध्यक्षता में हुई पर्यवेक्षण समिति की बैठक में तय किया गया है कि ये काम एमपीआरडीसी की जगह पीडब्ल्यूडी से कराया जाए। इसलिए पीडब्ल्यूडी एक बार फिर अंडरपास की योजना तैयार करने में जुट गया है।

जयसिंहपुरा अंडरपास की योजना भी अधर में
जयसिंहपुरा रेलवे फाटक की जगह रेलवे अंडरपास बनाने की योजना को भी सरकार की ओर से सहमति की हरी झंडी मिल चुकी है, लेकिन यह योजना भी अभी अधर में है। रेलवे की स्वीकृति का इंतजार है। जयसिंहपुरा रोड से चारधाम होते हुए महाकाल मंदिर जाना आसान होता है लेकिन बीच में रेलवे फाटक के कारण लोगों को परेशानियां आती हैं। एमपीआरडीसी के अधिकारियों ने निर्णय बदले जाने की पुष्टि की है।

योजना इधर से उधर होने में बीत रहा समय
सिंहस्थ की तैयारी में जुटे अधिकारी कुछ योजनाओं को लेकर एक फैसला नहीं कर पा रहे। अंडरपास की योजना भी है। यह पहले नगर निगम को सौंपी गई फिर पीडब्ल्यूडी को और कुछ समय पहले ही इसे एमपीआरडीसी को देने का निर्देश जारी किया गया। सूत्रों के अनुसार इसे अब वापस पीडब्ल्यूडी को देने का निर्देश सीएस बैठक में दिया गया है।

मकान और होटलें तोडऩे की चुनौती
अंडरपास बनाने में सबसे बड़ी चुनौती योजना की राह में आ रहे मकान और होटलें हैं। इनको सबसे पहले तोडऩा पड़ेगा। यह काम करना विभागों के लिए मुसीबत का कारण बन सकता है।

निर्णय हुआ है
यह सही है कि हरिफाटक ओवरब्रिज के नीचे से महाकाल मंदिर के प्रवेश द्वार तक अंडरपास बनाने का काम पीडब्ल्यूडी को देने का निर्णय लिया गया है।
एसके मनवानी संभागीय महा, एमपीआरडीसी उज्जैन

Related Articles