उज्जैन में बनेगा जू, दौड़ते नजर आएंगे बाघ और चीते

योजना पर 300 करोड़ खर्च होंगे
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25 करोड़ प्रारंभिक राशि मंजूर की वन्यजीवों के लिए 47 बाड़े बनेंगे
अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। सीएम डॉ. मोहन यादव उज्जैन को चिडिय़ाघर की सौगात भी देने वाले हैं। पिछले दिनों मुख्यमंत्री गुजरात के वनतारा गए थे। उन्होंने वहां की व्यवस्थाओं को देखा और लौटने के बाद वहां का अनुभव प्रदेश के अधिकारियों के साथ साझा किया था। उन्होंने कहा कि वनतारा प्रबंधन मध्य प्रदेश को वन्यजीव देने पर सहमत है। उन्होंने यह निर्देश भी दिए कि मप्र वन विभाग के अधिकारी वनतारा रेस्क्यू सेंटर का भ्रमण कर हाथी प्रबंधन, विलुप्तप्राय प्रजातियों के संरक्षण मॉडल, मानव-वन्यजीवों के संरक्षण के प्रबंधन का अध्ययन करें। वनतारा में 48 चीते हैं। इन्हें दुबई व दक्षिण अफ्रीका से लाया गया था।
उज्जैनवासियों के लिए अच्छी खबर यह है कि पालनपुर कूनो राष्ट्रीय उद्यान और गांधी सागर अभयारण्य के बाद अब जल्द ही चिडिय़ाघर में चीतों को फर्राटा भरते देखा जा सकेगा। राज्य सरकार उज्जैन में 300 करोड़ की लागत से बनने वाले चिडिय़ाघर में चीता बसाने की तैयारी कर रही है। इसके लिए गुजरात के जामनगर स्थित रिलायंस के वनतारा सेंटर से मध्य प्रदेश सरकार चीता सहित अन्य वन्यप्राणी ला सकती है। प्रदेश के अधिकारियों का दल वनतारा जाएगा और वहां की व्यवस्थाओं का अध्ययन करेगा।]
वनतारा का अध्ययन करेंगे वन अधिकारी: मप्र के वन अधिकारी 11 जुलाई से 13 जुलाई तक वनतारा रेस्क्यू सेंटर का अध्ययन करेंगे। वन विभाग के अपर मुख्य सचिव अशोक वर्णवाल, वन बल प्रमुख असीम श्रीवास्तव, मुख्य वन्यप्राणी अभिरक्षक सुभरंजन सेन एवं अन्य अधिकारियों का दल 10 जुलाई को रवाना हो जाएगा।
चिडिय़ाघर-सह-सफारी बनाया जाएगा
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उज्जैन में 300 करोड़ रुपए की लागत से 80 हेक्टेयर में चिडिय़ाघर-सह-सफारी बनाने के लिए हरी झंडी दे दी है। इस परियोजना के लिए 25 करोड़ रुपए की प्रारंभिक राशि मंजूर कर दी है। विस्तृत परियोजना रिपोर्ट के अनुसार बाघ, सफेद बाघ और तेंदुआ, चीता सहित बड़े मांसाहारी जानवरों के लिए 47 अलग-अलग बाड़ों के साथ-साथ छोटे मांसाहारी, शाकाहारी, पक्षी, प्राइमेट, सरीसृप, एक तितली गुबुद एक मछलीघर, एक बचाव केंद्र और एक पशु चिकित्सा अस्पताल की योजना है। इसका प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा गया है।
खास बातें
गुजरात के वनतारा से चीता ला सकती है मप्र सरकार
अध्ययन के लिए जाएगा अधिकारियों का दल
कूनो और गांधीसागर के बाद अब उज्जैन में आएंगे चीते
अधिकारियों का दल 11 जुलाई को जामनगर का वनतारा रेस्क्यू सेंटर देखने जाएगा। वहां जाकर देखेंगे कि किस तरह वन्यजीवों को रखा जाता है। उनकी देखरेख, खानपान से लेकर हर बिंदु का अध्ययन करेंगे। संभवत: वहां से कुछ वन्यजीव मप्र लाए जा सकते हैं। हम इसकी संभावनाएं देखेंगे।
सुभरंजन सेन, मुख्य वन्यप्राणी अभिरक्षक, मध्यप्रदेश वन