नई पदस्थापना तक प्रो. पांडे पद पर बने रहेंगे

विक्रम विश्वविद्यालय कुलगुरु चयन प्रक्रिया, इंटरैक्शन शेष

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अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय में प्रो.अखिलेश कुमार पांडे नए कुलगुरु की पदस्थापना/मनोनयन तक पद पर बने रहेंगे। इस संबंध में राजभवन से आदेश जारी हो चुके है। प्रो.पांडे का कार्यकाल १३ सितंबर को खत्म हो रहा है। नए कुलगुरु की चयन प्रक्रिया जारी है। कुलाधिपति के समक्ष भेजी जाने वाली पैनल के लिए शार्ट लिस्ट आवेदनों का इंटरैक्शन शेष रहने से प्रो.पांडे को पद पर बनाएं रखने का निर्णय लिया है।

विक्रम विश्वविद्यालय में कुलगुरु के पद पर प्रो.अखिलेश कुमार पांडे ही बने रहेंगे। कार्यकाल खत्म होने के एक दिन पहले ही राजभवन से नए कुलगुरु का चयन होने तक प्रो. पांडे के कुलगुरु बने रहने के आदेश जारी किए गए है। प्रो.पांडे के वर्तमान कार्यकाल का अंतिम दिन होने से माना जा रहा था कि प्रो.पांडे शुक्रवार को अपना चार साल का कार्यकाल पूर्ण करने के बाद विक्रम विवि के वरिष्ठ प्रोफेसर का दायित्व सौंपने के बाद भार मुक्त हो जाएंगे,लेकिन राजभवन के आदेश से स्थिति स्पष्ट हो गई।

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15 आवेदन शार्ट लिस्ट

बता दें कि विक्रम विश्वविद्यालय के नए कुलगुरु का चयन करने के लिए सर्च कमेटी में मप्र के राज्यपाल, कुलाधिपति के प्रतिनिधि के तौर पर महाराज छत्रशाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय छतरपुर मप्र की कुलगुरु प्रो.शुभा तिवारी, उच्च शिक्षा अनुदान आयोग (यूजीसी) प्रतिनिधि सरदार वल्लभभाई पटेल विश्वविद्यालय मंडी हिमाचल प्रदेश के कुलपति प्रो डीडी शर्मा और मप्र राज्य शासन उच्च शिक्षा के प्रतिनिधि के रूप मे महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय सतना मप्र के प्रो. कपिल मिश्रा ने इंटरैक्शन के लिए 70 में से 15 आवेदन सिलेक्ट किए थे। 15 आवेदनकर्ताओं का सर्च कमेटी के साथ इंटरैक्शन शेष है। इसके बाद 5 नाम की पैनल कुलाधिपति, राज्यपाल को भेजी जाएगी। नियुक्ति से पहले कुलाधिपति, राज्यपाल भी पैनल में शामिल प्रोफेसर्स को बुला सकते हैं।

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कुछ दिन लग सकते हैं नए कुलगुरु की नियुक्ति में
नए कुलगुरु चयन की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है। सूत्रों के अनुसार कुलगुरु के नाम की पैनल के लिए शार्ट लिस्ट 15 आवेदनकर्ताओं का सर्च कमेटी के साथ इंटरैक्शन नहीं होने की वजह से राजभवन भेजी जाने वाली पैनल तैयार नहीं हुई है। अब उम्मीद है कि सितंबर अंतिम सप्ताह तक पूर्ण हो सकती है।

कार्यकाल के अंतिम दिन कुलगुरु ने कहा
खुशी : विवि के वित्त और प्रशासनिक नियंत्रण की
मलाल : परीक्षा में हुई कुछ गड़बड़ी और विवाद का

उज्जैन। शुक्रवार को विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो.अखिलेश कुमार पांडे के चार साल के कार्यकाल का अंतिम दिन है। हालांकि कुलाअधिपति,राज्यपाल ने विवि में नए कुलपति के कार्यभार ग्रहण करने तक प्रो.पांडे को कुलगुरु बने रहने के आदेश दिए है। कार्यकाल के आखरी दिन प्रो.पांडे ने ‘अक्षरविश्व’ से बातचीत में कहा कि विक्रम विवि में उनका ४ साल का कार्यकाल शानदार रहा है। चार साल के दौरान खुशी और मलाल के संबंध में प्रो. पांडे ने कहा कि चार साल में अच्छे-खराब दोनों अनुभव मिले है। खुशी है कि हमने विवि की टीम के साथ काम कर संस्थान की वित्तिय और प्रशासनिक स्थितियों को नियंत्रण में रखा। नए पाठ्यक्रम,नावचार प्रारंभ किए।

सभी के सहयोग से दीक्षांत समारोह के साथ शैक्षणिक, अकादमिक और बौद्धिक कार्यक्रमों का आयोजन सफलता पूर्वक किया। मलाल है कि चार साल में परीक्षा और रिजल्ट को लेकर कुछ गड़बडिय़ां हुई। एक-दो विवाद भी हुए। इसें रोकना था। प्रो.पांडे ने कहा कि यूजीसी के मूल्याकंन में विवि कि ग्रेड़ कम होना दुर्भाग्यपूर्ण रहा।

हालांकि ग्रेड़ का मूल्याकंन उनके कार्यकाल का नहीं था,पर जब ग्रेड़ मिली तो कुलगुरु का पद तो हमारे पास ही था। वैसे सभी का बेहत्तरीन सहयोग मिला है। किसी से कोई शिकायत नहीं है। यह पदस्थापना से नए संपर्क बने,ज्ञान-जानकारी के साथ भगवान महाकाल के माध्यम से सेवा का अवसर मिला। विक्रम विवि में नए कुलगुरु के मनोनयन पर प्रो.पांडे कहा कि यह तो सर्च कमेटी की पैनल और राजभवन के निर्णय-आदेश पर निर्भर करता है कि नए कुलगुरु की नियुक्ति कब होगी। फिलहाल तो महामहिम कुलाधिपति ने उन्हें नए कुलगुरु के कार्यभार ग्रहण करने तक कार्य करने के आदेश दिए है।

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