एक ही लोकसभा क्षेत्र के दूसरे जिले में तबादला मान्य नहीं

निर्वाचन आयोग का स्थानांतरण पर फरमान

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

advertisement

अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन भारत निर्वाचन आयोग ने लोकसभा चुनाव से पहले एक ही स्थान पर 3३ साल से पदस्थ अधिकारियों के स्थानांतरण को लेकर फिर आदेश जारी किए है इसमें स्पष्ट किया है कि एक ही स्थान पर लंबे समय तक सेवारत अधिकारी का तबादला लोकसभा क्षेत्र से बाहर करना होगा। एक ही लोकसभा क्षेत्र के दूसरे जिले में तबादला मान्य नहीं होगा।

लोकसभा चुनाव 2024 अप्रैल-मई में संभावित है। आचार संहिता अगले माह मार्च के प्रथम/द्वितीय सप्ताह में कभी भी लागू हो सकती है। भारत निर्वाचन आयोग ने तीन वर्ष से एक ही जगह या गृह जिले में पदस्थ अधिकारियों के स्थानांतरण को लेकर नया निर्देश जारी किया। इसमें कहा गया है कि एक ही लोकसभा क्षेत्र के भीतर एक से दूसरे जिले में किया गया स्थानांतरण मान्य नहीं किया जाएगा। लोकसभा क्षेत्र के बाहर तबादला करना होगा। ऐसे स्थानांतरण किए गए हैं तो उन्हें बदला जाएगा। बता दें कि आयोग ने तबादलों के लिए पहले 31 जनवरी और फिर 15 फरवरी की डेडलाइन तय की गई थी। कुछ राज्यों के आग्रह पर तबादलों में राहत दी गई थी, लेकिन अब सख्त निर्देश जारी किए हैं।

advertisement

निर्देश का अक्षरश: पालन करें

आयोग ने जारी निर्देश में कहा गया है कि तबादलों की खानापूर्ति नहीं करें, बल्कि आयोग के निर्देश का अक्षरश: पालन किया जाना चाहिए। इसके पहले जारी निर्देश में आयोग ने कहा था कि 24 जून 2024 की स्थिति में एक जिले में तीन वर्ष पूरा करने वाले अधिकारियों का स्थानांतरण किया जाए। राज्यों को 15 फरवरी तक इसका पालन करने के निर्देश थे। आयोग के निर्देश पर प्रदेश में भी ऐसे अधिकारियों का स्थानांतरण किया जा चुका है। मध्य प्रदेश में लोकसभा क्षेत्र 29 हैं, जबकि जिले 55 हैं। इस तरह अधिकतर लोकसभा क्षेत्रों में दो जिले शामिल हैं। तीन वर्ष पूरा करने वाले अधिकारियों को आसपास के जिलों में ही स्थानांतरित किया गया है। ऐसे में अब यह देखना होगा कि पूर्व व स्थानांतरित जिला एक ही लोकसभा क्षेत्र में तो नहीं है।

advertisement

कलेक्टर-एसपी से मांगी रिपोर्ट

चुनाव आयोग ने जून 2024 की स्थिति में तीन वर्ष से एक स्थान पर पदस्थ अधिकारियों को हटाने के निर्देश दिए थे। इसी क्रम में कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक से रिपोर्ट मांगी है कि उनके जिले में ऐसा कोई अधिकारी अब पदस्थ नहीं है, जिसे एक स्थान पर पदस्थ रहते हुए तीन वर्ष हो चुके हैं। यह प्रावधान निर्वाचन कार्य से जुड़े अधिकारियों-कर्मचारियों पर लागू है। चुनाव आयोग ने ऐसे अधिकारियों-कर्मचारियों को हटाकर अन्यत्र पदस्थ करने के निर्देश दिए थे, जो एक स्थान पर तीन वर्ष से अधिक समय से पदस्थ हैं। अब आयोग ने यह देखने के लिए कहा कि ऐसे हटाए गए अधिकारी-कर्मचारी कहीं उसी संसदीय क्षेत्र में आने वाले दूसरे जिलों में पदस्थ तो नहीं कर दिए गए हैं। इस संबंध में कलेक्टर और पुलिस अधीक्षकों से रिपोर्ट मांगी गई है। सूत्रों का कहना है कि एक-दो दिन में कुछ पुलिस अधिकारियों के स्थानांतरण हो सकते हैं।

Related Articles