उज्जैन सिंहस्थ 2028 की तैयारी, राजधानी में समीक्षा

By AV NEWS

4 जून के बाद वर्किंग शुरू होने की उम्मीद

12 विभागों की टास्क फोर्स योजनाओं पर करेगी मंथन

अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:काफी हद तक लोकसभा चुनाव के दायित्वों से मुक्त होने के बाद सरकार फिर से अपने कार्य और योजनाओं के क्रियान्वयन की राह पर चलने लगी है। इसी क्रम में भोपाल में सिंहस्थ 2028 की तैयारी की समीक्षा होगी।

12विभागों की टास्क फोर्स सिंहस्थ-2028 की योजनाओं पर मंथन करेंगी। उम्मीद है कि कुछ योजनाओं को हरी झण्डी मिल सकती है,जिन पर आचार संहिता खत्म होते ही आवश्यक प्रक्रिया प्रारंभ की जा सकती है। मध्य प्रदेश सरकार ने उज्जैन सिंहस्थ 2028 की तैयारी शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव समय-समय पर सिंहस्थ की तैयारियों की बैठक भी ले रहे हैं।

सिंहस्थ क्षेत्र के विस्तार और भूमि उपयोग के नए विकल्प पर विचार करने के लिए टास्क फोर्स का गठन किया गया है। सिंहस्थ में भूमिका निभाने वाले सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव के साथ उज्जैन कमिश्नर, महानिरीक्षक, कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को शामिल किया है। टास्क फोर्स वर्ष 2004 और 2016 में हुए सिंहस्थ की संपूर्ण मेला क्षेत्र की योजना, भूमि आवंटन और आरक्षण के अभिलेखों का परीक्षण करके प्रतिवेदन तैयार करने में जुट गया है। 12 विभागों को मिलाकर गठित टास्क फोर्स की अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा बैठक लेंगे। इस दौरान विभागों द्वारा अब तक किए गए कार्यों की समीक्षा भी होगी। इसके लिए 12 विभागों का प्रस्तुतीकरण भी होगा। बता दें कि सिंहस्थ को लेकर सबसे पहली बैठक उज्जैन की गई थी।

टास्क फोर्स के काम का प्रजेंटेशन

सिंहस्थ 2028 की तैयारियों को लेकर होने वाली बैठक में पिछले पांच माह में टास्क फोर्स के गठन और उसकी अनुशंसाओं से लेकर किए जाने वाले कामों का प्रजेंटेशन होगा। साथ ही शिप्रा के शुद्धिकरण, जल प्रवाह, उज्जैन से 15 किमी दूरी पर बनने वाली स्पिरिचुअल सिटी, स्वास्थ्य, पेयजल, सड़क आवागमन और दुकानों के आवंटन वितरण के लिए भू अर्जन सुविधाओं के वर्क प्लान पर चर्चा होगी।

सूत्रों का कहना इस बैठक में जिन प्रस्तावों को मंजूरी मिलेगी, उस पर मंत्रालय और उज्जैन जिला प्रशासन के अधिकारी 4 जून के बाद टेंडर, वर्कआर्डर की वर्किंग शुरू करेंगे। सीएम मोहन यादव से हरी झंडी मिलने वाले प्रस्तावों को मंजूरी देने संंबंधी प्रक्रिया पूरी की जाएगी। सबसे अहम मसला शिप्रा के शुद्धिकरण का है जिसके वर्किंंग और एक्शन प्लान को देखने के बाद सीएम उस पर काम की सहमति देंगे।

नियमों में बदलाव की संभावना..!

मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद सिंहस्थ 2028 के लिए टास्क फोर्स बनाई गई है जिसके द्वारा सिंहस्थ के 69 साल पुराने नियमों में बदलाव के साथ वर्तमान परिस्थितियों के मद्देनजर कई अन्य परिवर्तन करने के सुझाव शासन को दिए गए हैं। इसलिए इस बैठक को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। सिंहस्थ के कामों के लिए नगरीय विकास और आवास विभाग को नोडल एजेंसी बनाया गया है और यही विभाग सभी तरह के प्रस्तावों की मंजूरी के साथ उसे पूरा कराने का काम करेगा।

संचालनालय शिफ्टिंग

सिंहस्थ के पहले ही सीएम यादव ने उज्जैन में धार्मिक न्यास और धर्मस्व विभाग के संचालनालय को उज्जैन शिफ्ट करने का फैसला कर लिया है। लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के चलते अभी संचालनालय शिफ्ट नहीं हो सका है और अब 4 जून के बाद इसको लेकर कवायद तेज होगी। इस बैठक में सबसे अहम मुद्दा उज्जैन में रहवासी क्षेत्रों के विकास, सड़कों, स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता को लेकर रहेगा।

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