कल डोंगला में मुख्यमंत्री करेंगे वेधशाला का शुभारंभ

12 : 28 पर छाया गायब होने की घटना देखेंगे, प्लेनेटोरियम का लोकार्पण होगा
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अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। यहां से 35किलोमीटर दूर महिदपुर के छोटे से गांव डोंगला में कल बड़ा उत्सव होगा। देशभर के 300 से ज्यादा लोग पहुंचेंगे। इनमें खगोल शास्त्री और खगोल विज्ञान से जुड़े विशेषज्ञ भी होंगे। खगोल विज्ञान एवं भारतीय परंपरा विषय पर कार्यशाला होगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव कार्यशाला और वेधशाला का शुभारंभ और प्लेनेटारियम का लोकार्पण भी करेंगे।
कर्क रेखा गुजरने के कारण खगोल विज्ञान और ज्योतिष विज्ञान में डोंगला महत्वपूर्ण स्थान रहा है। देश की यह 6वीं वेधशाला 2013 में स्थापित की गई थी। इसी को नई पहचान दिलाने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. यादव की मंशा के अनुसार अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर 12 बजकर 28 मिनट पर छाया गायब होने की घटना को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग यहां जुटेंगे। डोंगला स्थित वेधशाला जिसे वराह मिहिर वेधशाला के नाम से जाना जाता है। पद्मश्री डॉक्टर विष्णु श्रीधर वाकणकर ने इसकी खोज की थी। डोंगला वेधशाला में कई महत्वपूर्ण खगोलीय उपकरण स्थापित है।
यह उपकरण स्थापित है
सूर्य घड़ी: यह एक प्राचीन उपकरण है, जो सूर्य की स्थिति के आधार पर समय को मापता है।
दूरबीन: यह खगोलीय पिंडों का अवलोकन करने में मदद करता है।
खगोलीय यंत्र: वेधशाला में कई प्राचीन खगोलीय यंत्र स्थापित हैं, जो ग्रहों और तारों की स्थिति को मापने में मदद करते हैं जिनमें कुछ प्रमुख हैं।
सम्राट यंत्र: यह रात्रि के समय धु्रव तारे को देखने में मदद प्रदान करता है।
नाड़ी वलय यंत्र (धूप घड़ी): यह भारतीय मानक समय को ज्ञात करने में सहायक होता है।
भित्ति यंत्र: इसके द्वारा सूर्योदय-सूर्यास्त की स्थिति का पता लगाया जाता है।
शंकु यंत्र: वर्ष में एक बार 21 जून को एक विशेष खगोलीय घटना होती है, जब दोपहर 12:28 बजे शंकु की छाया लुप्त हो जाती है। जिसे इस यंत्र द्वारा देखा जा सकता है। यह यंत्र दिशा ज्ञान में भी सहायक होता है। इस वेधशाला में 5 मीटर व्यास में 20 इंच का टेलीस्कोप स्थापित है।
अत्याधुनिक डिजीटल तारामंडल निर्माण
डोंगला में अत्याधुनिक डिजीटल तारामंडल की स्थापना की गई है। इस तारामंडल में 8 मीटर व्यास के एफआरपी डोम में ई-विजन 4 के डिजीटल प्रोजेक्टर एवं डिजीटल साउंड सिस्टम लगाया गया है, इस वातानुकूलित गोलाकार तारामंडल में 55 लोग एक साथ बैठकर आकाशीय रंगमंच की हैरतअंगेज और ब्रह्मांड में होने वाली घटनाओं का रोमांचक आनंद ले सकेंगे। इसके निर्माण पर लगभग 1.6 करोड़ खर्च हुए हैं। इस तारामंडल में हिंदी/अंग्रजी दोनों भाषाओं में निम्नलिखित फिल्मों का प्रदर्शन किया जाएगा कि की इंक्रिडियल सन फेटू फ्रोम अर्थ टू द यूनिवर्स, बेक टू द मून फोर गुड, द होट एंड एनरजेटिक यूनिवर्स, व सन, सिजिंग अप स्पेस आदि।